337 के आंकड़े को टॅच कर गया प्रयागराज में एक्यूआई लेवलदूसरे राज्यों से आ रहे धुएं के साथ हवा में जहर घोल रहे वाहन नगर निगम एरिया में रहने वाले लोग पॉल्यूशन के चलते खतरे में हैं. उन लोगों पर खतरा ज्यादा है जिन्हें किसी तरह से सांस लेने की बीमारी है. कारण है हवा में धुएं का प्रभाव खतरनाक रूप से बढ़ जाना. यह रिपोर्ट सरकारी है और शहर में विभिन्न स्थानों पर एयर की क्वालिटी चेक करने के लिए लगे सिस्टम से जनरेट हुई है. रिपोर्ट के अनुसार नगर निगम क्षेत्र के लोगों को न दिन में चैन है और न ही रात में सुकून की सांस लेने का मौका मिल रहा है. शहर के आउटर एरिया की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है. उत्तर भारत में धुएं का प्रभाव बढऩे से स्थिति और गंभीर होने की आशंका जतायी जा रही है.

प्रयागराज ब्यूरो । शुक्रवार को सुबह से ही मौसम बदली जैसा नजर आ रहा था। यह देखकर लगा कि मौसम का रुख बदलने वाला है। बाद में पता चला कि मौसम एक दम दुरुस्त है। धुएं ने बदली जैसा सीन क्रिएट कर दिया है। पता चला कि यहां भी एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 300 के पार तक पहुंच चुका है। दिन भर धूप और धुएं के बीच जंग चलती रही लेकिन धूप को खुलकर निखरने का मौका पूरे दिन नहीं मिला। प्रयागराज में पराली जलाने की समस्या नहीं है। इससे माना जा रहा है कि दूसरे प्रांतों से आने वाला धुआं इसका बड़ा कारण है।

वाहन घटे एक्यूआई बढ़ा
शुक्रवार को झूंसी में स्थित प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय में लगे यंत्र से जो रिकॉर्ड आया उसके मुताबिक सुबह साढ़े 10 बजे एक्यूआइ 336 था। इस एरिया में गुरुवार को इसी समय अधिकतम एक्यूआई 296 रिकॉर्ड किया गया था। वैसे तो दोनों ही स्तर खतरे का संकेत देते हैं। फिर भी शुक्रवार की रिपोर्ट चौंकाने वाली इस सेंस में थी कि इस एरिया में रात में बड़े वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके पीछे शास्त्री ब्रिज पर चल रहा काम बताया गया है।

तेलियरगंज एरिया भी स्वस्थ नहीं
एक्यूआई नापने के लिए डिवाइस मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) में भी लगी हुई है। यहां से उठाया गया रिकॉर्ड बयां कर रहा था कि रात में 12 बजे यह एरिया सबसे ज्यादा पाल्यूटेड था। यह एरिया लखनऊ, प्रतापगढ़ को मिर्जापुर और प्रयागराज के साथ रीवां की तरफ से आने वाले वाहनों को कनेक्ट करता है। कयास लगाया जा रहा है कि इसी के चलते एक्यूआई लेवल बढ़कर 271 पहुंच गया होगा। डॉक्टर्स का कहना है कि इस स्थिति में लंबे समय तक रहने का पर सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। यहां का लेवल झूंसी के एक्यूआई लेवल को पार न कर पाने का कारण इस एरिया में कैंटोमेंट होना बताया गया है जहां पेड़ों की संख्या ज्यादा है।

झूंसी
150 सुबह चार बजे
312 सुबहआठ बजे
325 दिन में 12 बजे
185 शाम चार बजे
175 रात आठ बजे
151 रात 12 बजे
179 रात दो बजे

एमएनआइटी
87 सुबह चार बजे
97 सुबह आठ बजे
207 दिन में 12 बजे
246 शाम चार बजे
119 रात आठ बजे
248 रात 12 बजे
271 रात दो बजे

नगर निगम
150 सुबह चार बजे
200 सुबह आठ बजे
256 दिन में 12 बजे
200 शाम चार बजे
137 रात आठ बजे
223 रात 12 बजे
371 रात दो बजे

धुएं का प्रभाव बढऩे से शरीर में आक्सीजन का लेवल कम होने लगता है। इससे सांस फूलने लगती है। यह हार्ट के पेशेंट के लिए खतरनाक है। बाहर निकलें तो अनिवार्य रूप से मास्क लगाकर रखें।
डॉ आरके अग्रवाल
फिजीशियन

नगर निगम में लगे यंत्र से रात 12 बजे तक एक्यूआइ के जो रिकार्ड मिले हैं उससे साफ है कि शहर की आबोहवा तेजी के खराब हो रही है। इसका प्रमुख कारण वाहनों के धुएं व सड़कों पर उडऩे वाले धूल के कण हैं।
आरके सिंह
क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी

Posted By: Inextlive