सरकारी रेट पर प्राइवेट में एमआरआई
प्रयागराज ब्यूरो । बेली अस्पताल की ओपीडी में दिखाने वाले मरीजों को एमआरआई जांच जरूरी होगी तो डॉक्टर इसके लिए पर्चे पर लिखेंगे। इसके बाद अस्पताल की सीएमएस मरीज को प्राइवेट संस्थान में जांच के लिए रिकमंड करेंगी। डीएम संजय कुमार खत्री के आदेश के अनुसार लाउदर रोड स्थित कृति स्कैनिंग सेंटर, बालसन चौराहे स्थित इंदू स्कैनिंग, सिविल लाइंस स्थित चंद्रा डायग्नोस्टिक और यूनाइटेड डायग्नोस्टि सेंटर में यह मरीज महज ढाई हजार रुपए देकर जांच करवा सकेंगे। ढाई हजार सरकारी फीस है जबकि प्राइवेट सेंटर्स में सात से दस हजार के बीच एमआरआई होती है।
27 पेंडिंग मामलों को भी मिलेगा लाभ
प्रशासन के इस आदेश का लाभ बेली अस्पताल के उन 27 मरीजों को भी मिलेगा जिनको पूर्व में डॉक्टर ने एमआरआई जांच लिखी थी लेकिन मशीन खराब होने की वजह से जांच नहीं हो पाई। इनमें से छह ने पैसा भी जमा करा दिया था जिसे अस्पताल प्रशासन वापस करेगा और फिर इन मरीजों को रिकमंड कर जांच के लिए प्राइवेट सेंटर पर भेजा जाएगा। इसके पहले गुरुवार को एक मरीज को सीएमएस ने रिकमंड करके कृति स्कैनिंग सेंटर पर एमआरआई कराने के लिए भेजा था।
क्या है मामला
दरअसल बेली अस्पताल में पांच साल पहले एमआरआई मशीन लगी थी। चार साल तक यह ठीक चलती रही। पिछले एक साल में इसका मेंटनेंस का काम दूसरी एजेंसी को दिया गया। इस एजेंसी के रखरखाव में लापरवाही के चलते यह मशीन इस साल सात बार खराब हो चुकी है। इस बार तीन नवंबर के बाद से यह अब तक नही बनी। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने खबर प्रकाशित की तो डीएम संजय कुमार खत्री ने सीएमओ डॉ। नानक सरन को भेजकर मामले की जांच कराई। एजेंसी का कहना था कि जो पार्ट खराब हुआ है वह विदेश से आएगा जिससे टाइम लग रहा है। अस्पताल के लोगों का कहना है कि मशीन जिस कंपनी ने लगाई थी उसी को मेंटनेंस का काम दिया जाना चाहिए। इस संबंध में कमिश्नर विजय विश्वास पंत ने भी प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य को अवगत करा दिया है।
डॉ। शारदा चौधरी
सीएमएस बेली अस्पताल प्रयागराज