प्रकाश पर्व की खुशियां गुरुवार को अपने पूरे चरम पर रही. सुबह से ही दीपोत्सव की तैयारियां जारी रही. शाम होते-होते घर आंगन और शहर के रंगबिरंगी रौशनी में डूब गया. प्रकाशपर्व की खुशी में हर कोई पूरी आस्था के साथ पूजन और सेलिब्रेशन में जुटा रहा. इस अवसर पर हर कोई कोरोना जैसी महामारी के प्रकोप से बचते हुए पूरे उमंग के साथ दीपावली में को सेलिब्रेट करने में जुटा रहा. रंग बिरंगी झालरों से ऐसा लगा कि मानो आसमान के सारे तारे जमीन पर उतर आए हो. धन व समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी और विघ्नविनाशक भगवान गणेश का सभी अपने घरों और प्रतिष्ठानों में विधि विधान के साथ पूजन किया और आर्शिवाद प्राप्त किया. जिसके बाद जमकर पटाखे छूड़ाए गए.


प्रयागराज (ब्यूरो)। दीपावली के अवसर पर इस बार चतुग्र्रहीय योग बनने से दीपोत्सव पर लोगों ने खास तैयारियां की थी। दोपहर में लोगों ने अपने प्रतिष्ठानों में विधि विधान के साथ पूजन किया और मां लक्ष्मी और गणेश जी का आर्शिवाद प्राप्त किया। दीपावली से ही सनातन धर्म में व्यापार से जुड़े लोग अपना नया बहीखाता भी तैयार करते है। ऐसे में पुरानी परम्परा के अनुसार व्यापार से जुड़े लोगों ने दीपावली से अपने नए बहीखाते तैयार किए। वहीं शाम के समय लोगों ने अपने घरों में शुभ मुर्हूत शाम 5.52 से 7.49 बजे के पूरे मनोयोग और विधि विधान के साथ मां लक्ष्मी, गणेश, कूबेर का पूजन किया। इसके बाद रोली, अक्षत का तिलक लगाया और भगवान को फल, मिष्ठान और नौवेद्वय अर्पित करके उनका आर्शिवाद प्राप्त किया। इसके बाद घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाए और घर के सभी प्रमुख स्थानों और कोनो में दीपक रखकर वहां रौशनी की।

रात में हुई महानिशा पूजादीपावली पर महानिशा पूजा भी होती है। इस बार महानिशा पूजा का शुभ मूर्हुत रात में 12.20 से 2.36 तक था। इस दौरान लोगों ने मां काली की विधि विधान के साथ पूजन किया और साधना की। इसके बाद नारियल की बली देकर मां से आर्शिवाद प्राप्त किया।

Posted By: Inextlive