सबसे ज्यादा प्रदूषित सिविल लाइंस की हवा
प्रयागराज ब्यूरो ।सिविल लाइंस सहित शहर पश्चिमी के कई एरिया में खुली हवा में सांस लेना घातक हो सकता है। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि प्रदूषण नियंत्रण विभाग के आंकड़े बता रहे हैं। नवंबर माह के शुरुआती पांच में से तीन दिन हवा का स्तर बेहद खराब रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण धूल के कण साबित हो रहे हैं। वर्तमान में चल रहे सड़क बनाने के काम के दौरान सावधानी नही बरतने से जमकर धूल उड़ रही है। रविवार को भी रहा घटिया स्तररविवार को एक बार फिर सिविल लाइंस सहित शहर पश्चिमी के सुलेम सराय और धूमनगंज आदि एरिया में हवा का स्तर ठीक नही रहा। यहां के एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स की रिपोर्ट 220 आई है जो चिंता का कारण बन सकती है। इस एक्यूआई की हवा में लंबे समय तक सांस लेने से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है।
खूब उड़ा रहे है धूल
इस समय शहर के अधिकतर एरिया में सड़क बनाने का काम चल रहा है। जिसके तहत शहर के कई एरिया में डामर और गिट्टी की मोटी परत बिछाई जा रही है। इसके पहले सड़कों पर पड़ी धूल को प्रेशर के जरिए उड़ाया जा रहा है। यह धूल ओस की बूंदों के साथ मिलकर हवा को मैला बना रही हैं। इस धूल को मशीन से उड़ाने के बजाय अगर किनारे कर दिया जाए तो हवा को मैली होने से बचाया जा सकता है। इसके अलावा कई जगह रोड खराब होने से धूल उडऩे लगी है जिससे भी एक्यूआई का लेवल खराब हो रहा है। हो सकती हैं ये दिक्कतेंधूल के कणों की अधिकता होने से खुली हवा में सांस लेने से श्वास नली में एलर्जी की शिकायत हो सकती है। जिससे बार बार खांसी आने, सांस फूलने और छीक आने की शिकायत हो सकती है। यह एलर्जी लंबे समय तक सर्वाइव करती है। इसके अलावा दमा के रोगियों के श्वास नली में सूजन की समस्या बढ़ृ सकती है। फेफड़ों को भी नुकसान पहुंच सकता है। बता दें कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से शहर में नगर निगम में एयर पाल्यूशन नापने की मशीन लगाई गई है, जिसकी रिपोर्ट में सिविल लाइंस और शहर पश्चिमी की हवा का स्तर ठीक नही बताया जा रहा है। नवंबर में सिविल लाइंस की हवा की एक्यूआईडेट एक्यूआईएक नवंबर 229दो नवंबर 196
तीन नवंबर 231चार नवंबर 167पांच नवंबर 220वर्जनएक्यूआई लेवल अगर सौ से नीचे है तो ऐसे में हवा के स्तर को बेहतर माना जाता है। जब यह अधिक होता है तो सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकता है। वैसे भी इस सीजन में सांस के मरीजों को दिक्कत ज्यादा होती है। डॉ। मंसूर, फिजीशियन, बेली हॉस्पिटल प्रयागराज