हर साल बढ़ रहे हैं डेंगू के मामले चिकनगुनिया भी दर्ज करा चुका है उपस्थिति-बेअसर हैं करोड़ों की दवाएं प्रतिरोधी क्षमता विकसित होने से घातक हो गए हैं मच्छर बारिश के मौसम में बढऩे लगी तादाद बढऩे लगे हैं बुखार के मामले

प्रयागराज ब्यूरो । यह बिल्कुल सच साबित हो रहा है। सांप के फन से ज्यादा मच्छर का डंक खतरनाक हो चला है। हर साल स्नेक बाइट से अधिक मलेरिया और डेंगू के मामले आ रहे हैं। एंटी लार्वा और फागिंग में यूज की जाने वाली दवाएं भी मच्छरों पर बेअसर साबित हो रही है। एक बार बारिश होने के साथ शहर में मच्छरों का आतंक बढऩे लगा है। मच्छरों का डंक लोगों की नींद खराब करने के साथ तमाम बीमारियों को भी दावत दे रहा है।

जानलेवा बन रहे मच्छर
मच्छरों का डंक धीरे धीरे जानलेवा बनता जा रहा है। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण डेंगू है। हर साल डेंगू के बढ़ते केसेज के बीच कई लोगों की जान भी जा रही है। आंकड़ों पर गौर किया जाए तो अप्रैल 2023 से लेकर जून 2024 के बीच 403 लोगों को सांप ने डसा है। जबकि वर्ष 2023 के अगस्त से नवंबर के बीच 550 लोग डेंगू का शिकार हो गए। वहीं इस साल जनवरी से अब तक 17 अन्य लोगों को डेंगू अपना शिकार बना चुका है।
फिर से हमले की तैयारी
इस साल भी मच्छरों ने लोगों पर हमले की तैयारी शुरू कर दी है। मलेरिया विभाग द्वारा बनाई गई डीबीसी यानी डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर टीम ने इस महीने कुल 20600 घरों में जाकर डेंगू के लार्वा की जांच की है। जिसमें से 845 घरों में डेंगू के लार्वा मिले हैं। इनमें से सर्वाधिक 528 लार्वा कूलर में मिले हैं। 40 लार्वा स्पाट फ्रिज, 85 लार्वा स्पाट गमला और 60 लार्वा स्पाट पानी के टैंकर में पाए गए हैं। इसके अलावा 128 डेंगू लार्वा स्पाट टायर और कंटेनर व 11 डेंगू लार्वा स्पाट नाली में पाए गए हैं।
किस मच्छर से फैलता है कौन सा रोग
मच्छर की प्रजाति फैलने वाला रोग
एनाफिलीज मलेरिया
एडीज चिकनगुनिया, डेंगू, पीला बुखार और जीका वायरस
क्यूलेक्स जापानी इंसेफलाइटिस, वेस्ट नाइल फीवर
किस बीमारी के हैं क्या लक्षण
बीमारी लक्षण
डेंगू तेज सिरदर्द, शरीर में तेज दर्द, बुखार, मतली, थकान, पेट दर्द व उल्टी
चिकनगुनिया बुखार, जोड़ों में दर्द, सिर में दर्द और अकडऩ
जीका वायरस बुखार और तेज दर्द
मलेरिया बुखार, सिदर्द और ठंड लगना
कैसे मिलेगा छुटकारा
पिछले साल पहली बार प्रयागराज में चिकन गुनिया ने भी दस्तक दी। एडीज मच्छर के काटने से फैलने वाले इस रोग ने 250 से अधिक मरीज को अपना शिकार बनाया। डॉक्टर्स का कहना है कि मच्छरों से बचाव आसान नही रह गया है। कीटनाशक से प्रतिरोधी क्षमता विकसित होने के बाद मच्छर अधिक हमलावर हो गए हैं। इससे बचने के केवल गिनती के उपाय रह गए हैं।


- रात में मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए।
- खिड़की और दरवाजों में जाली लगाना जरूरी।
- सुबह शाम पूरी बाह और पैर के कपड़े पहनना जरूरी
- नीम की पत्ती सुलगाना और जहां जलभराव हो वहां पर जला हुआ मोबिल डाल देना।

कब कितने मिले डेंगू के मरीज
वर्ष मरीजों की संख्या
2018 830
2019 1121
2020 57
2021 1299
2022 1465
2023 505

मच्छरों से निपटने की तैयारी
विभाग टीमों की संख्या
स्वास्थ्य विभाग 644
पंचायती राज 1540
नगर निगम 40
आईसीडीएस 1790
माध्यमिक शिक्षा 1065
प्राथमिक शिक्षा 2238
कृषि रक्षा 23
पशु चिकित्सा अधिकारी 50
दिव्यांगजन अधिकारी 20
मच्छरों में प्रति रोधक क्षमता की बढ़ोतरी हो रही है। उनसे निजात के लिए लगातार एंटी लार्वा और फागिंग कराई जा रही है। मच्छरों पर वार के लिए लोगों की जागरुकता की भी जरूरत है। खासकर बारिश के बाद हुए जलभराव से मच्छरों के फैलने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। जिसकी रोकथाम की जा रही है।
आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज

Posted By: Inextlive