माघ मेला में इस बार ज्यादा आएंगे श्रद्धालु: मुख्यमंत्री
प्रयागराज (ब्यूरो)। इस बार माघ मेला में पिछले वर्षों की अपेक्षा अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। क्योंकि अयोध्या में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा में देश दुनिया से आने वाले भक्त शामिल होंगे। अयोध्या से वह श्रद्धालु प्रयागराज में आयोजित माघ मेला में भी आ सकते हैं। माघ मेला को इस बार महाकुंभ 2025 के ट्रायल के तौर पर कराया जाएगा। यह बातें प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहीं। वह बुधवार को यहां संगम क्षेत्र में माघ मेला की तैयारियों व महाकुंभ के कार्यों का निरीक्षण और समीक्षा करने पहुंचे पहुंचे थे। माघ मेला में बढऩे वाली श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए उन्होंने मेला के विस्तार संग सुविधाओं को भी बढ़ाने की घोषणा की। समीक्षा बैठक के पहले मुख्यमंत्री कई बड़ी परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण भी किए। इसी दौरान उन्होंने यमुना नदी में बने प्रदेश के पहले फ्लोङ्क्षटग रेस्टोरेंट और वाटर स्पोट््र्स का उद्घाटन भी किया।
मेल में दिव्य होगी श्रद्धालुओं की सुविधा
सूबे के मुखिया ने कहा कि आगामी माघ मेला वर्ष 2025 में लगने वाले महाकुंभ के ट्रायल जैसा होगा। इस बार माघ मेला को 770 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बसाया जाएगा। चूंकि माघ मेला में पिछले वर्षों की तुलना में इस बार अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इस लिए श्रद्धालुओं की हर सहूलियतों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि माघ मेला में चार हजार के आसपास संस्थाएं आएंगी। वह मेला में कल्पवासियों संतों और श्रद्धालुओं किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होने के निर्देश अफसरों को दिए गए हैं। पहली बार माघ मेला क्षेत्र का विस्तार करते हुए कुल छह सेक्टर बनाए गए हैं। श्रद्धालुओं की सहूलियत व स्वच्छता के मद्देनजर मेला एरिया में 21 हजार शौचालय की सुविधा होगी। करीब 65 किलो मीटर ड्रेनेज लाइन भी बिछाई जाएगी। मेला में आठ हजार रङ्क्षनग फीट स्नान घाट व कुल छह पांटून पुल बनाए जाएंगे। प्रकाश के लिए मेला क्षेत्र में लगभग 18 हजार एलईडी लाइटें लगाईं जाएंगी। माघ मेला में श्रद्धालुओं की चिकित्सा व्यवस्था से लेकर, करीब 100 किमी चकर्ड प्लेट रोड, व पेयजल से लेकर सफाई तक तक की दिव्य व्यवस्थाएं होंगी। इस दौरान माघ मेले के कार्यों की गति को देखकर मुख्यमंत्री थोड़े खिन्न भी दिखाई दिए। शायद यही वजह रही कि उन्होंने मैन पॉवर बढ़ाकर कार्यों में तेजी जाने का निर्देश अफसरों को देना पड़ा।
पूजा के बाद निरीक्षण में जुटे सीएम
निर्धारित कार्यक्रम से करीब तीन घंटे देर से पहुंचे मुख्यमंत्री साढ़े तीन बजे पहुंचे मुख्यमंत्री सबसे पहले सीधे संगम तट पहुंचे।
यहां पर माघ मेला के सकुशल आयोजन के लिए वह मंत्रोच्चार के साथ मां गंगा की पूजा आराधना किए।
संगम तट पर पूजा के बाद वह महाकुंभ के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करने किला और संगम नोज के बीच यमुना किनारे बनाए जा रहे पक्के घाट के निर्माण कार्य का मुआयना किए।
पक्के घाट के कार्य की प्रगति देखने के बाद मुख्यमंत्री सीधे किला स्थित अक्षयवट कारिडोर के सौंदर्यीकरण और मेंटिनेंस के कार्यों का भी निरीक्षण किए।
चलते-चलते वह अक्षयवट द्वार पर लगाए गए कारिडोर के लेआउट और डिजाइन को भी देखे। किला स्थित पातालपुरी और समुद्रकूप के जीर्णोद्घार व सौंदर्यीकरण के कार्यों का भी वह मुआयना किए।
यहां से सीधे वह बड़े हनुमान मंदिर में पहुंचे और दर्शन-पूजन किए और आरती किए। आरती बाद मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित हनुमान मंदिर कारिडोर के लेआउट को भी देखा।
वहां से वे पर्यटन विभाग के त्रिवेणी दर्शन होटल पहुंचे। यहां पर यमुना में बने प्रदेश के पहले फ्लोङ्क्षटग रेस्टोरेंट का वह उद्घाटन किए।
मुख्यमंत्री के साथ प्रभारी मंत्री स्वतंत्र देव ङ्क्षसह, लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद व औद्योगिक मंत्री नन्दगोपाल गुप्ता नन्दी, महापौर उमेशचंद्र गणेश केसरवानी भी थे। सहित मंडलायुक्त, डीएम सहित मेला अधिकारी भी मौजूद रहे।
24 जनवरी पौष पूर्णिमा से माघ मेला में शुरू होगा कल्पवास
08 हजार रङ्क्षनग फीट में श्रद्धालुओं के लिए माघ में बनाए जा रहे स्नान घाट
04 हजार संस्थाओं को जमीन और सुविधाएं देने के निर्देश
18 हजार एलईडी लाइट से जगमग होगी तंबुओं की नगरी
06 सेक्टर में पहली बार बसाया जा रहा माघ मेला, छह पांटून पुल हैं तैयार
21 हजार शौचालय का माघ मेला एरिया में निर्माण की किए घोषणा