शहर से लेकर गांव तक एमएमयू मोबाइल मेडिकल यूनिट मरीजों के लिए वरदान बनी हुई है. शासन ने पूरी यूपी में केवल प्रयागराज को इस सुविधा के चुना है. बाकी शहरों में अब यह एमएमयू उपलब्ध कराए जाने की तैयारी चल रही है. सबसे अहम कि इन यूनिटों में इलाज दवा से लेकर जांच तक सब ऑन स्पॉट मौजूद है. केवल गंभीर मरीजों को ही नजदीकी अस्पतालों में रेफर किया जाता है.

प्रयागराज (ब्यूरो)। वर्तमान में बुखार के मरीज सबसे ज्यादा पाए जा रहे हैं, ऐसे में एमएमयू ऐसे मरीजों के लिए बेहतर विकल्प साबित हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन एरिया या गांव में बुखार के अधिक मरीज होने की सूचना मिलती है वहां पर एमएमयू को भेज दिया जाता है। ऐसे मरीजों की स्क्रीनिंग कर उनकी जांच की जाती है। जिन मरीजों में डेंगू जैसे लक्षण मिलते हैं उनका दवा देकर एमएलएन मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया जाता है।

एलटी, डॉक्टर और नर्स हैं मौजूद
अक्टूबर लास्ट में प्रयागराज जिले को शासन की ओर से दस एमएमयू प्रदान की गई हैं।
इनका संचालन दिन में दो शिफ्ट में किया जा रहा है।
इनको शहर से लेकर गांव तक अलग-अलग डेस्टिनेशंस पर भेजा जाता है और इनका काम एक ही स्पॉट पर मरीज को इलाज और जांच मुहैया कराना है।
यही कारण है कि एक एमएमयू में एक एमबीबीएस डॉक्टर, एक एएनएम, एक लैब टेक्नीशियन और एक फार्मासिस्ट उपलब्ध रहता है।
इनका काम किसी भी मरीज को संपूर्ण इलाज देना है।

प्रति दिन एक हजार ओपीडी
दस एमएमयू मिलकर एक दिन में एक हजार मरीजों की ओपीडी कर रही हैं।
इसके अलावा प्रतिदिन 250 से अधिक जांच भी की जा रही है।
यह जांच एमएमयू में मौजूद एलटी करता है और मरीज को दस मिनट के भीतर रिपोर्ट भी पकड़ा दी जाती है।
मौके पर ब्लड सहित अन्य प्रकार की चालीस से अधिक जांच की जाती है।
ऐसे में मरीज को जांच के लिए लैब नही जाना पड़ता है।

फरवरी में आएगी दस नई एमएमयू
70 लाख की आबादी वाले जिले में महज दस एमएमयू पर्याप्त नही हैं। ऐसे में फरवरी में हंस फाउंडेशन की ओर से दस अतिरिक्त यूनिट प्रदान की जाएंगी। जानकारी के मुताबिक यह प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय संस्था हंस फाउंडेशन की ओर से चलाया जा रहा है जिससे मरीजों को घर बैठे बेहतर इलाज मिल सके। यूपी के अलावा झारख्ंाड के रांची जिले में दस एमएमयू दी गई हैं। जल्द ही यूपी के आठ बड़े जिलों में यह सेवा शुरू होने जा रही है। इसके अलावा फाउंडेशन की ओर से कोटवा सीएचसी और मांडा सीएचसी में आक्सीजन प्लांट भी लगाया जा रहा है।

मरीजों को एमएमयू के रूप में इलाज का बेहतर विकल्प मिला है। उनको दवा और जांच एक साथ मिल रहा है। यूनिट में ही डॉक्टर, एलटी, फार्मासिस्ट और एएनएम मौजूद रहती है। इससे फीमेल मरीजों को भी दिक्कत का सामना नही करना पड़ता।
डॉ। अशोक चौरसिया
एसीएमओ स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज

हंस फाउंडेशन ने स्वास्थ्य विभाग को दस एमएमयू प्रदान की हैं। इससे मरीजों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा मिल रही है। जल्द ही दस अन्य एमएमएयू आएंगी। सबसे अहम कि यूपी में केवल प्रयागराज मेें यह सुविधा दी जा रही है।
प्रत्यक्ष पांडेय
प्रोजेक्ट मैनेजर, एमएमयू

Posted By: Inextlive