सुर्खियों में रही एमएलसी की स्कार्पियो
बरामद रुपयों को सील कर छोड़ी गई स्कार्पियो को लेकर लोग उठाते रहे सवाल
PRAYAGRAJ: बरामद चालीस लाख रुपये सील करके छोड़ी गई शिक्षक एमएलसी मान सिंह यादव की स्कार्पियों बुधवार को चर्चा में रही। सोमवार रात चेकिंग में मेजा पुलिस को उनकी स्कार्पियों में चालीस लाख रुपये मिले थे। इन रुपयों को सील करके पुलिस द्वारा रुपये लेकर जा रहे एमएलसी सहित उनके दोस्त स्कूल प्रबंधक संजय यादव व चालक अरुण भी छोड़ दिया गया था। चर्चा इस बात की रही कि जब रुपयों का ले जाना गुनाह था, तो जिस स्कार्पियो से यह गुनाह किया गया वह सही कैसे हुई। तब तक स्कार्पियों के खिलाफ भी लिखा पढ़ी होनी चाहिए। क्योंकि रुपये ले जाने का गुनाह इसी गाड़ी से किया गया था। हालांकि स्कार्पियो छोड़े जाने को लेकर पुलिस कुछ और ही तर्क दे रही है। लोगों के सवालों पर पुलिस का जवाबपुलिस अफसरों का कहना है कि स्कार्पियों के सारे कागज मौजूद थे। रुपये गाड़ी से स्कार्पियो से बरामद जरूर किए गए, मगर गाड़ी के सारे कागजात सही थे। इस लिए गाड़ी को सीज नहीं किया गया। चूंकि वह देर रात इतने रुपये लेकर कहां और क्यों जा रहे? इसके बारे में संतोष जनक जवाब नहीं मिले थे। इस लिए बरामद रुपयों को सील कर दिया गया। उधर, छोड़ी गई स्कार्पियो को लेकर लोगों में चर्चा इस बात की रही कि यदि रुपये गलत हैं और उसे लेकर जाना गुनाह, तो जिस गाड़ी से यह गुनाह किया गया वह सही कैसे हो सकती है? लोग की चर्चाओं पर गौर करें तो कहना यह था कि यदि आम आदमी की स्कार्पियो होती तो पुलिस उसे जरूर सीज कर देती। फिर कागजात कितने भी पूरे होते पुलिस एक हजार धाराएं और कानून बताई होती। उस वक्त पब्लिक से पुलिस के तर्क यही होते कि चूंकि गाड़ी का प्रयोग गुनाह करने में किया गया है। लिहाजा इसे छोड़ा नहीं जा सकता। दरअसल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव को देखते हुए पुलिस चेकिंग सख्त कर दी गई है। सोमवार रात मेजा इंस्पेक्टर अरुण कुमार चतुर्वेदी हाईवे पर चेकिंग के दौरान रोकी गई सपा के शिक्षक एमएलसी की गाड़ी से 40 लाख रुपये बरामद किए थे। गाड़ी में एमएलसी सहित तीन लोग थे जिन्हें मंगलवार सुबह छोड़ दिया गया था।
चूंकि स्कार्पियो के सारे कागजात जांच में सही पाए गए। इस लिए उसे सीज नहीं किया। यदि रुपये लेकर जाते समय कोई एक्सीडेंट या हादसा हो जाता तो उसे भी सीज किया जाता। चूंकि कोई हादसा नहीं हुआ और रुपये बरामद हो गए। ऐसे में गाड़ी पर गुनाह नहीं बनता।
सौरभ दीक्षित, एसपी यमुनापार