ठिठुरा प्रयागराज, छह डिग्री पहुंचा पारा
प्रयागराज (ब्यूरो)। ठंड अपने चरम पर पहुंच रही है। इसकी वजह से प्रयागराज ठिठुरने लगा है। बुधवार को पारा 8 डिग्री पहुंचने से लोगों की कंपकंपी छृट गई। लोग घरों से नही निकले। सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा। भीषण ठंड के साथ चल रही शीत लहर की वजह से लोगों का पैदल चलना भी दुश्वार रहा। मौसम विभाग का कहना है कि अभी आने वाले कुछ दिनों तक लोगों को ऐसे ही ठंड का सामना करना पड़ सकता है।
20 के बाद खुलेेंगे स्कूल
ठंड का असर बच्चों की पढाई पर पडऩे लगा है। लगातार स्कूल बंद चलने से बच्चों की पढ़ाई चौपट हो रहा है। उधर बुधवार को फिर से डीएम नवनीत सिंह चहल के आदेश पर बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने कक्षा आठवीं तक के सभी स्कूलों को 20 जनवरी तक बंद करने की सूचना जारी की है। यह आदेश सीबीएसई, आईसीएसई के साथ सभी बोर्डों के सरकारी व निजी विद्यालयों, सहायता प्राप्त, परिषदीय, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी लागू होगा। इस दौरान शिक्षण कार्य ठप रहेगा लेकिन अध्यापकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों को स्कूल में उपस्थित रहकर प्रशासकीय कार्य, डीबीटी, यूडायस फीङ्क्षडग व अन्य कार्य निपटाने होंगे। बीएसए ने बताया कि आदेश का सख्ती से पालन करना होगा। बता दें कि 6 डिग्री पारा पहुंचने से स्थिति अधिक नाजुक हो गई है। ऐसे में स्कूल खुलने से बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। उधर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की ओर से प्रशासन से मांग की गई है कि इस समय स्कूलों को केवल शिक्षकों के लिए खोला जा रहा है। इसलिए इनकी टाइमिंग सुबह 9 की जगह 10:30 बजे से की जाए। जिससे शिक्षक भी ठंड की मार से खुद को बचा सकें।
मौसम विभाग का कहना है कि गुुरुवार को भी धूप निकलना मुश्किल है। गलन ऐसे ही बनी रहेगी और रह रहकर शीत लहर चलेगी। न्यूनतम तापमान 7 डिग्री और अधिकतम तापमान 17 डिग्री रह सकता है। उधर बुधवार को अधिकतम तापमान 12 डिग्री रहा। तीन से चार डिग्री पारा लुढ़कने से लोग घरों में कैद रहने को मजबूर रहे। मौसम विभाग की माने तो शुक्रवार को धूप निकलने के आसार हैं। लेकिन इसके बाद फिर से धुंध छाने लगेगी।
चूके तो पहुंचेंगे अस्पताल
भीषण ठंड में लोगों को सर्दी, जुकाम, बुखार और डायरिया की शिकायत हो रही है। फिजीशियन डॉ। डीके मिश्रा ने बताया कि इस सीजन में हाथ, पैर, सिर, कान और गले को भी गर्म कपड़ों से ढंकना जरूरी है। जरा सी लापरवाही से मौसम की मार का शिकार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि शीतलहर की चपेट में आने से सीने में दर्द और हार्ट अटैक का खतरा भी हो सकता है। उन्होंने कहा कि हो सके तो गर्म खाना खाएं और पानी भी गुनगुना पिएं।