दवा काउंटर खुले, डॉक्टर बैठे, नहीं पहुंचे मरीज
ओपीडी शुरू होने के पहले दिन बेली हॉस्पिटल में नहीं पहुंचे मरीज
पसरा रहा सन्नाटा, खाली पड़ी रही ओपीडी बेली हॉस्पिटल बुधवार को कई महीनों बाद सामान्य मरीजों के लिए खोला गया था। यहां पर 14 ओपीडी चलाई जा रही थीं और दवा काउंटर भी खुले थे। एमआरआई, सीटी स्कैन और एक्सरे की जांच भी उपलब्ध थी। लेकिन मरीज लापता थे। हॉस्पिटल खुलने की जानकारी का उचित प्रचार प्रसार नही होने से पहले दिन महज 350 मरीजों ने काउंटर पर पर्चा बनवाया। धीरे धीरे आएगी पब्लिक बेली को मई में कोविड हॉस्पिटल बना दिया गया था और इसके बाद यहां सामान्य मरीजों को आने में मनाही हो गई। बुधवार से सरकार के आदेश पर इस हॉस्पिटल को सामान्य इलाज के लिए शुरू कर दिया गया। लेकिन पहले दिन अधिक भीड़ नही नजर आई। बताया जा रहा कि धीरे धीरे मरीजों की संख्या में वृद्धि होगी।पूर्व में यहां प्रतिदिन ढाई से तीन हजार मरीजों की ओपीडी होती थी।
एक फिजीशियन के भरोसे हॉस्पिटल हॉस्पिटल को जरूर खोल दिया गया लेकिन यहां पर डॉक्टर्स की उपलब्ध अच्छी नही है। डॉ। ओपी त्रिपाठी के रिटायरमेंट और डा। एसएम त्रिपाठी के दूसरे जिले का सीएमओ बनाए जाने के बाद यहां केवल एक फिजीशियन ही बचा है।जिनके भरोसे सैकड़ों मरीजों का इलाज किया जाएगा। इसके अलावा न्यूरो, ईएनटी एक भी डॉक्टर यहां मौजूद नहीं है।
एक सप्ताह बाद मोतियाबिंद के आपरेशन की सुविधा यहां उपलब्ध होगी। जिससे मरीजों में उत्साह का माहौल बना है। सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक हॉस्पिटल की ओपीडी चलाई गई। मरीज कम आए और 16 ने एक्सरे कराया और 3 मरीजों का सीटी स्कैन जांच की गई। उम्मीद है कुछ दिनों में भीड़ बढ़ जाएगी। बुधवार को कुल 14 ओपीडी रन कराई गई थीं। डॉ। एमके अखौरी अधीक्षक, बेली हॉस्पिटल