खुदा की इबादत में मशगूल नन्ही परियां
8 साल की आयजा और 6 साल की अफ्शा ने रखा रोजा
दोनों बहनें घर में अपनी दादी से ले रही हैं दीन की तालीम रोजा के साथ स्कूल की ऑनलाइन क्लासेस भी है जारीहर कोई खुदा से अपनी मुरादे पूरी होने की आस लगाए है। खासतौर पर रमजान माह में रोजेदार पूरे समय खुदा की इबादत में मशगूल हैं। ऐसे में नन्हे बच्चे भी इसमें पीछे नहीं है। करैली में रहने वाले प्रयागराज एयरपोर्ट में असिस्टेट मैनेजर फारूक एहसन की दोनों बेटियां भी इस बार रोजा रख कर खुद की इबादत में जुटी है। बड़ी बेटी आयजा की उम्र 8 साल है। जबकि छोटी बेटी अफ्शा की उम्र महज 6 साल है। उसके बाद भी वह रोजा रख रही है। फारूक बताते हैं कि वह अपनी रूटीन के साथ ही इस समय अपनी दादी से दीन की तालीम ले रही है। जिससे वह ज्यादा से ज्यादा सीख सके। इन दिनों स्कूलों में चल रही छुट्टियों के कारण भी वह पूरे समय इबादत में ही अपना समय दे रही है।
फैमली के साथ पढ़ती है नमाजदोनों बहनें फैमली के साथ सुबह उठकर सहरी करती है। उसके बाद फैमली मेंबर्स के साथ मिलकर नमाज अदा करती है। शाम को सबसे के साथ इफ्तारी करती हैं। उन्होंने बताया कि दोनों इस बार पांच रोजा रखा है। अभी तक एक भी दिन उन्होंने किसी प्रकार की दिक्कत की शिकायत नहीं की। हालांकि उनकी उम्र को देखते हुए फैमली मेंबर्स ने अभी रोजा रखने के लिए एक बार मना करने की कोशिश भी की, लेकिन दोनों ने जिद करके रोजा रखना शुरू किया है। बड़ी बेटी आयजा को नमाज पूरा याद है। यहीं कारण वह अपनी छोटी बहन को नियमित रूप से नमाज याद कराती है। जिससे वह भी जल्द सीख सके।
रमजान में बदल दिया रूटीन फारूख बताते हैं कि रमजान की शुरुआत से ही दोनों ने अपना रूटीन बदल दिया। दोनों बहनें करेली के ब्लूबेल स्कूल में पढ़ती है। बड़ी बेटी सेकेंड क्लास में है। जबकि छोटी फस्ट क्लास में है। अभी तक क्लासेस बंद है। लेकिन जब क्लासेस चल रही थी, तो दोनों रोजा के नियमों का पालन करते हुए अपनी ऑनलाइन क्लासेस और खेलकूद में भी पूरा समय देती थी।