उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के उन छात्रों को मार्कशीट का वितरण रोकवा दिया है जिन्होंने करेक्शन के लिए ग्रीवांस सेल में शिकायत दर्ज करायी है. एक्चुअल बोर्ड नहीं चाहता कि मार्कशीट लेकर कोई छात्र ऑफिस का चक्कर लगाये. इसीलिए ऐसे छात्रों की डिटेल के साथ क्षेत्रीय कार्यालयों को मार्कशीट लौटाने के लिए कहा है. बोर्ड ने सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए हैैं कि परीक्षार्थियों को अंकपत्र देने से पहले अभिलेखों से उसका मिलान अनिवार्य रूप से किया जाना है. अंकपत्र में किसी तरह की त्रुटि होने पर उसे वितरित न करें बल्कि यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों को उसे वापस भेज दें ताकि उसे दुरुस्त कर पुन: भेजा जा सके.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। बोर्ड की ओर से अपर निदेशक क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज विनय कुमार गिल ने सभी राजकीय, सहायता प्राप्त एवं वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को इस आशय के निर्देश दिए हैैं। कहा है कि अंकपत्र में त्रुटि होने पर उसे सुधरवाने के लिए परीक्षार्थियों को अनावश्यक रूप से बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैैं। अंकपत्र में संशोधन की निर्धारित प्रक्रिया का उन्हें पालन करना पड़ता है, जिसमें चालान शुल्क जमा करने के साथ कई और औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैैं। ऐसे में परीक्षार्थियों की इन परेशानियों को बोर्ड उत्पन्न नहीं होने देने चाहता। इसके लिए परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों को भी सचेत किया गया है कि वह अंकपत्र लेकर विद्यालय में ही उसका परीक्षण कर लें।

छात्र और अभिभावक मार्कशीट में किसी तरह का करेक्शन होने पर उसे आइडेंटीफाई करें और विद्यालय को वापस कर दें। उसे सुधारकर फिर से भेजा जायेगा। यह त्रुटियां परीक्षा फार्म भरे जाते समय विद्यालयों की ओर से गंभीरता से अभिलेखों से मिलान न करने के कारण होती हैैं। विशेष रूप से वित्तविहीन विद्यालयों से यह समस्या अधिक आती हैै। इस तरह की त्रुटि पर अंकुश लगाया जाना जरूरी है।विनय कुमार गिल अपर निदेशक क्षेत्रीय कार्यालय प्रयागराज

Posted By: Inextlive