फैकेल्टी आफ ऑर्ट की टापर की टापर और चांसलर सिल्वर मेडल समेत कुल पांच मेडल हासिल करनेे वाली शाल्विका उपाध्याय सिविल सर्विसेज में अपना कॅरियर बनाना चाहती है. दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से बातचीत करते हुए शाल्विका ने बताया कि शुरू से ही वह सिविल सर्विसेज में जाना चाहती है. इसलिए उन्होंने पहले से ही उसके लिए तैयारी भी शुरू कर दी. शाल्विका बताती है कि अपने पिता शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय को देखकर ही उनके मन में सिविल सर्विसेज में जाने का मन बना था. शाल्विका के पिता शैलेन्द्र कुमार उपाध्याय डिप्टी कमिश्नर जीएसटी के पद पर तैनात है. जबकि रंजना उपाध्याय डायटिशियन है.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शाल्विका ने बताया कि सिविल सर्विसेज क्वालीफाई करने से अलग लेवल की ताकत मिलती है। इससे कॉमनमैन और जरूरतमंद लोगों की हेल्प करना आसान हो जाता है। यही कारण है कि उनका रुझान इस क्षेत्र में है। उन्होंने पढ़ाई और तैयारी को लेकर कहा कि सफलता के लिए जरूरी है कि पूरी ईमानदारी से नियमित रूप से तैयारी करें। तभी सफलता मिलती है। सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता है। इसलिए जरूरी है कि ईमानदारी से मेहनत की जाए।

Posted By: Inextlive