शिकंज में महाठग आसिफ नसीम
प्रयागराज (ब्यूरो)।
374 केस दर्ज है गोमती नगर थाने में05 लाख रुपये का इनाम था घोषित
04 हजार से ज्यादा केस पूरे भारत में दर्ज है
10 लाख से ज्यादा लोगों को ठगा
46 आरोपी पूरे मामले में अब तक हो चुके गिरफ्तार
प्रयागराज शहर के करेली एरिया का रहने वाला महाठग आसिफ नसीम भी फाइनली पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। प्रापर्टी और इंवेस्टमेंट का काम करने वाली फर्म शाइन सिटी ने देशभर में हजारों लोगों को चूना लगाया है। पूरे देश में इस फर्म के लोगों के खिलाफ चार हजार से अधिक मुकदमे अब तक दर्ज कराये जा चुके हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल होने के बाद इस मामले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा कर रही है। हाई कोर्ट के इस मामले में कड़ा रुख अख्तियार करने के बाद यूपी की पुलिस टीम एक्टिव थी। यूपी एसटीएफ की टीम ने पांच लाख के इनामी आसिफ की गिरफ्तारी प्रयागराज से ही दिखायी है। एसटीएफ की टीम ने इसकी डिटेल लखनऊ से जारी की है।
गोमती नगर थाने में हैं 374 केस
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की तरह लाखों लोगों से अरबों रुपये की ठगी करने वाला शाइन सिटी का डायरेक्टर व महाठग राशिद नसीम के भाई आसिफ नसीम के खिलाफ लखनऊ के गोमती नगर थाने में 374 फ्रॉड के केस दर्ज है। 366 मामले में ईओडब्ल्यू जांच कर रही है। भारत में उसके खिलाफ चार हजार से ज्यादा ठगी के केस दर्ज हैं। पकड़ा गया आरोपी आसिफ शाइन सिटी का पार्टनर था और उसने 2013 में अपने भाई राशिद नसीम के साथ कंपनी की शुरुआत की थी। उसके ऊपर पांच लाख का इनाम था।
कुछ महीने पहले राशिद नसीम की कंपनी में काम करने वाले विजलेश केसरवानी ने पीडि़तों का एक संगठन बनाकर प्रयागराज हाईकोर्ट में कंपनी के खिलाफ 60 हजार करोड़ से अधिक की ठगी की जांच के के लिए रिट दायर की थी। ठगी में उसकी पत्नी समेत कंपनी के 50 से अधिक कर्मचारी आरोपी हैं।
दुबई से चला रहा नेटवर्क
कंपनी का एक और डायरेक्टर व आसिफ का सगा भाई राशिद नसीम 2019 में नेपाल से गिरफ्तार हुआ था। जमानत पर रिहा होने के बाद वह दुबई फरार हो गया। वर्तमान में राशिद दुबई से अपना नेटवर्क चला रहा है। राशिद नसीम को 2019 में नेपाल के काठमांडू से गिरफ्तार किया गया था। बाद में नेपाल से उसे जमानत मिल गई थी। इसके बाद वह दुबई भाग गया था। कहा जा रहा है कि वह अब जार्जिया की नागरिकता लेने के की तैयारी कर रहा है। वहीं, एसटीएफ ने बीते 30 जून को शाइन सिटी के नेशनल हेड बृज मोहन सिंह को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
आसिफ नसीम प्रयागराज करेली के जीटीबी नगर का रहने वाला है। 2009 से 2013 तक वह मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी स्पीक एशिया में एजेंट की नौकरी शुरू की थी। शातिर दिमाग नसीम ने यहीं पर रहकर निवेशकों को ठगने की कला सीखी। इसके बाद वर्ष 2013 में उसने शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से हाउसिंग कंपनी खोली। यहीं नहीं उसने दूसरी कंपनी आर। स्कवायर विपुलखंड गोमती नगर में बनाई। जिसमें आसिफ व राशिद कंपनी में पार्टनर बनकर काम करने लगे।
एड पर बड़ी रकम खर्च करता था
जेसीपी क्राइम नीलाब्जा चौधरी के अनुसार कंपनी खोलने के बाद दोनों भाइयों ने लखनऊ समेत आस-पास के जिलों में लोगों को सस्ते प्लॉट का सपना दिखाना शुरू किया। कंपनी में कर्मचारियों को मोटा कमीशन देकर आस-पास के जिलों में एजेंट बनाने शुरू किए गए। खुद की जमीन न होने पर वह बड़े शहरों आउट स्कर्ट एरिया में किसानों से संपर्क करते थे और उन्हें अपनी हाउसिंग कंपनी का बोर्ड अपने खेत में लगाने के नाम पर हर महीने 20 से 25 हजार रुपये किराया देते थे। किसानों को यह नहीं मासूम था कि उनके खेतों को दिखाकर वह ग्राहकों को जाल में फंसाते थे। ग्राहकों को खेत में लगी हाउसिंग बोर्ड की होर्डिंग को दिखाकर प्लॉट दिखाता था।
अपने कर्मचारियों को जरूरत से ज्यादा कमीशन देकर दोनों भाइयों ने लखनऊ नहीं बल्कि देश के कई हिस्से में अपना नेटवर्क तैयार किया। लोगों को निवेश, मुनाफा, प्लॉट व सस्ता मकान देने के नाम पर लाखों लोगों को अपने जाल में फंसाया। लोगों का विश्वास जीतने के लिए कुछ साल तक कुछ लोगों को मुनाफा भी दिया। ताकि लोग कंपनी में पैसा निवेश करने लगे। कुछ साल बाद लोगों का निवेश पैसे की मेच्योरिटी पूरी होने पर दोबारा मोटा कमीशन का प्रलोभन व लालच देकर कंपनी की दूसरी स्कीम में पैसा लगवा देते थे। ताकि कंपनी में फंसा पैसा बाहर न जा सके केवल कागजों पर लोगों की रकम दो गुनी हो रही थी।
2 से 10 लाख में प्लॉट की स्कीम
शाइन सिटी कंपनी ने 2 लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक प्लॉट देने की स्कीम निकाली थी।
यही नहीं कंपनी की एक स्कीम में तो दो सौ रुपये प्रति स्क्वायर फिट से लेकर एक हजार रुपये स्कवायर फिट तक के प्लॉट निकाले थे।
लोगों को आसानी से जाल में फंसाने के लिए एक लाख रुपये की बुकिंग अमाउंट लेने के बाद उन्हें तीन हजार रुपये प्रति माह से लेकर दो लाख रुपये प्रति माह किस्त तय कर दी जाती थी।
कई सालों तक लोगों ने किस्त जमा की। निवेश पर मेच्योरिटी पूरी होने पर रकम वापसी के लिए चक्कर लगाना शुरू किया।
जब लोगों परेशान होने लगे तो कंपनी के प्रति लोगों का विश्वास भी टूटने लगा।
एक के बाद एक गोमती नगर थाने में शाइन सिटी के खिलाफ शिकायतें पहुंचने लगी।
तभी कंपनी के डायरेक्टर राशिद व आसिफ समेत कंपनी के बड़े पद पर बैठ कर्मचारी फरार होने लगे।
ठगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तीन साल के भीतर गोमती नगर थाने में कंपनी के खिलाफ 374 धोखाखड़ी के केस दर्ज कराए।
मामला शासन तक पहुंचने पर इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को भी सौंपी गई। इ
ईओडब्ल्यू पूरे यूपी में दर्ज 366 केस की जांच कर रही है। कंपनी के पार्टनर आसिफ समेत अब तक 47 लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
नीलाब्जा चौधरी ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर क्राइम