बजट को सराहा बोले सभी के लिए कुछ न कुछ महाकुंभ से पहले मेट्रो रेल की सुविधा मिलना मुश्किल डायबिटीज रेटिनोपैथी सेंटर के लिए मिला पैसा मरीजों को फायदा

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। विधानसभा में बुधवार को पेश किये गये उत्तर प्रदेश सरकार के बजट ने संगम सिटी प्रयागराज को इतराने का मौका दिया है। 2025 में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों पर कोई प्रभाव न पड़े, इसके चलते दो साल पहले ही महाकुंभ के कुल बजट प्रस्ताव का बड़ा हिस्सा इसी बजट में प्रस्तावित कर दिया गया है। इससे शहर में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने की दिशा में बड़ा काम होने जा रहा है। बजट पहले से ही पास कर दिये जाने का नतीजा होगा कि लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भी इसके कार्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सेम कहानी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के साथ भी है। यहां भी निर्माण कार्य के रोड़े बजट प्रस्तावों से हटा दिये गये हैं। बजट में बजट की सांस्कृतिक आभा को और विकसित करने का प्रावधान किया गया है। बजट के प्रावधान ने प्रैक्टिस शुरू करने जा रहे अधिवक्ता तो खुश हैं लेकिन दूसरे प्रोफेशनल्स का साफ कहना है कि उनके लिए तो बजट में कुछ है ही नहीं।

625 करोड़ के बजट का प्रावधान
2025 में होने वाले महाकुंभ के लिए राज्य सरकार ने 625 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया है। जिसमें ढाई सौ करोड़ रुपए 2023 के बजट में प्रस्तावित किए गए हैं। इसकी घोषणा बुधवार को प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने अपने भाषण में की। इससे महाकुंभ प्रोजेक्ट के कई कार्यों को रफ्तार मिलेगी। संगम पर रोप-वे, रिवर फ्रंट, कर्जन ब्रिज पर पर्यटन विकास, डिजिटल कुंभ म्यूजियम, पांच आरओबी, दो फ्लाईओवर का निर्माण होगा। पांच आरओबी पर 677.74 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ये आरओबी फाफामऊ में 40 नंबर गुमटी, अंदावा-कनिहार मार्ग स्थित रेलवे क्राङ्क्षसग, नैनी में यूनाइटेड इंजीनियङ्क्षरग कालेज के पास, फाफामऊ में गोहरी-सोरांव माग्र स्थित रेलवे क्राङ्क्षसग, आइईआरटी के पास बनेंगे।

बजट को परखा, बोले होगा चौतरफा विकास
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की प्रयागराज शाखा में लाइव स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया। इसमें बताया गया कि उत्तर प्रदेश 24 करोड की जनसंख्या वाला राज्य है हमारा प्रदेश न केवल भारत का सबसे बड़ा उपभोक्ता एवं श्रम बाजार है, बल्कि गंगा के उपजाऊ मैदानों के किनारे प्रदेश में प्रचुर प्राकृतिक संसाधन विद्यमान हैं। अयोध्या एवं चित्रकूट की तरह प्रयागराज में भजन संध्या स्थल की स्थापना का प्रस्ताव है। भजन संध्या स्थल की स्थापना हो जाने से तीर्थ क्षेत्र प्रयागराज में श्रद्धालुओं की सुविधा प्राप्त होगी। पहले से चली आ रही कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट का प्रावधान करके संकेत दे दिया गया है कि सरकार के इस दिशा में बढ़े कदम रुकने वाले नहीं हैं।

स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा
युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बजट में स्टार्टअप के लिए 60 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। बजट मिलने से राज्य विश्वविद्यालयों में स्थापित हो रहे स्टार्टअप इनक्यूबेशन सेंटर को नई उर्जा मिलेगी। बता दें कि उप्र राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी में इनक्यूबेशन सेंटर का संचालन किया जा रहा है। राज्य विश्वविद्यालय में इनक्यूबेशन सेंटर तैयार हो रहा है। यहां पर स्टार्टअप का पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। अच्छे स्टार्टअप को धन मिलेगा। युवाओं में खुद का काम शुरू करने का जज्बा पैदा होगा।

खतरनाक बीमारी से लडऩा आसान
एमडीआई अस्पताल मे संचालित हो रहे डायबिटीज रेटिनोपैथी सेंटर को दो करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है। यह पैसा हजारों लोगों की आंख की रोशनी बचाने में कामयाब होगा। हर साल बहुत लोगों की आंख डायबिटीज की वजह से खराब होती है। इस सेंटर को पिछले साल दो करोड़ रुपए का बजट दिया गया था। जिससे एलईडी स्क्रीन, प्रचार वाहन के साथ सेंटर में मरीजों की आंख का आपरेशन भी शुरू करा दिया गया। अब मिले दो करोड़ से नए उपकरण की खरीद की जानी है। जिससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। डायबिटीज रेटिनोपैथी वह बीमारी है जिसकी वजह से आंखें खराब हो जाती हैं और फिर इलाज से भी फायदा नही होता है।

लॉ यूनिवर्सिटी का निर्माण समय पर होने की उम्मीद बढ़ी
बजट में प्रयागराज में निर्माणाधीन नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग आदि के निर्माण पर 103 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान किया गया है। इसका फायदा यह होगा कि चुनाव के दौरान भी इसके काम जारी रहेंगे। समय से काम पूरा होने की संभावना बढ़ जायेगी। पुलिस कमिश्नरेट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने का रास्ता भी खोल दिया गया है। अफसरों के कोर्ट रूम, कार्यालय और आवास बनने की राह आसान हो जाएगी। बता दें कि कमिश्नर प्रणाली के तहत जिले को तीन जोन और 14 सर्किल में बांटा गया है। बता दें कि कमिश्नरेट बनने के बाद कचहरी के पास साइबर सेल का कमांड सेंटर सहित कई अन्य निर्माण प्रस्तावित हैं।

इस बजट में सिर्फ युवा अधिवक्ता को ध्यान में रखा गया मगर अन्य पेशेवर जैसे चार्टर्ड एकाउंटेंट, कंपनी सचिव, लागत लेखाकार, डॉक्टर आदि के लिए कोई भी प्रावधान नहीं रखा गया।
राजेश पांडेय अध्यक्ष, सीए इंस्टीट्यूट

महाकुंभ के बजट की आस सभी को थी। ढाई हजार करोड़ की राशि से कई प्रकार के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। इसी बजट में में इसे स्थान दे दिये जाने का फायदा यह होगा कि अगले साल लोक सभा चुनाव के दौरान भी इसका कार्य जारी रहेगा।
सचिन अग्रवाल उपाध्यक्ष, सीए इंस्टीट्यूट

युवा अधिवक्ताओं के लिए सरकार ने सोचा है। इससे उनको प्रारंभिक तीन वर्ष तक पढ़ाई में फायदा होगा। मेरा मानना है कि कानून की पढ़ाई करना महंगा है और इस तरह से मिलने वाली सरकारी सहायता से अधिवक्ताओं को मनोबल बढ़ेगा।
सौरभ मिश्रा, अधिवक्ता

नेशलन लॉ यूनिवर्सिटी के लिए बजट का प्रावधान किया जाना स्वागत योग्य है। इससे यूनिवर्सिटी में कंस्ट्रक्शन का काम समय पर पूरा हो जाने की संभावना है। मिनी मेट्रो के लिए बजट में प्रावधान नही होना चिंता की बात है।
दीपक मिश्रा, अधिवक्ता

इस बजट से युवा अधिवक्ताओं को वाकई लाभ होगा। महाकुंभ को बजट दिए जाने से शहर का सौंदर्यीकरण बढ़ेगा और महिलाओं व निराश्रितों को भी बजट में लाभ दिया गया है।
पीयूष ओझा, अधिवक्ता

कन्या सुमंगला योजना में बच्चियों के लिए बजट का प्रावधान किया जाना बेहतर रहा है। इससे लोगों की बेटियों के प्रति सोच बदलेगी। उनके लिए 15 हजार का प्रावधान हुआ है। बजट में कई सकारात्मक चीजें हैं, जिनका स्वागत किया जाना चाहिए।
शैरोन सिंह गृहणी

हेल्प डेस्क की स्थापना से महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान दिया गया है। इतना ही नही महिला पीएसी की तीन नई बटालियन बनने से आधी शक्ति की भागदारी को बल मिलेगा। इसके अलावा महिला समर्थ डेस्क के लिए भी बजट का प्रावधान किया जाना उचित फैसला है।
नेहा श्रीवास्तव, गृहणी

इस बजट में बुजुर्गोंं के लिए ऐसी कोई खास व्यवस्था नजर नही आई है। फिर भी कृषि को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण केंद्र खोले जाने से किसानों को काफी लाभ मिलेगा। वह खेती के नए तरीकों का उपयोग कर सकेंगे और अनाज अधिक पैदावार होगी और महंगाई कम होगी।
राजेश कुमार श्रीवास्तव

सरकार वकीलों पर ध्यान दे रही है। स्वास्थ्य पर बजट दे रही है। कमिश्नरेट को सुदृढ़ बनाने के लिए पैसा खर्च कर रही है लेकिन सरकारी कर्मचारियों को अनदेखा कर रही है। कई राज्यों में पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया गया है लेकिन यूपी जहां कर्मचारियों की संख्या बहुत अधिक है, को नजरअंदाज किया जा रहा है।
राकेश कुमार श्रीवास्तव कर्मचारी नेता

Posted By: Inextlive