धनंजय के वकील ने जताया था नैनी जेल में बंद अभय और मुख्तार के गुर्गो से जान का खतरा

फतेहगढ़ जेल में ही निरुद्ध है मुन्ना बजरंगी का हत्यारोपी सुनील राठी

पूर्व सांसद माफिया धनंजय सिंह को गुरुवार की सुबह नैनी सेंट्रल जेल से फर्रुखाबाद जिले की फतेहगढ़ जेल शिफ्ट कर दिया गया। रात में ही शासन की तरफ से आदेश जेल पहुंच जाने के चलते इसकी तैयारियां पूरी कर ली गयी थीं। सुबह जेल प्रशासन ने धनंजय को लोकल पुलिस को सौंप दिया जो उसे लेकर फतेहगढ़ जेल के लिए रवाना हो गयी। सूत्रों का कहना है कि जेल शिफ्टिंग धनंजय के वकील की तरफ से बताये गये जान के खतरे के आधार पर की गयी है। वैसे जेल प्रशासन का कहना था कि सुरक्षा कारणों के चलते यह फैसला लिया गया है।

मुख्तार-अभय के गुर्गे हैं नैनी जेल में

नैनी सेंट्रल जेल के गेट पर पुलिस टीक का वाहन सुबह ही लग गया था। सुबह 10 बजकर पांच मिनट पर उन्हें बैरक से निकालकर प्रशासन ने पुलिस के हवाले कर दिया था। बताया जाता है कि पूर्वाचल के माफिया मुख्तार अंसारी और लखनऊ के माफिया अभय सिंह के गुर्गे नैनी सेंट्रल जेल में इन दिनो बंद हैं। इन दोनों माफियाओं से धनंजय की अदावत है। इसके अलावा सेंट्रल जेल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पांच दर्जन से अधिक शातिर अपराधी इन दिनों नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं। इसमें पश्चिम का शातिर अपराधी सागर मलिक जिसने मुजफ्फरनगर कोर्ट के अंदर विक्की मालिक की हत्या की थी, का नाम भी शामिल है। इन सभी को शासन के आदेश पर पश्चिम से नैनी सेंट्रल जेल में ट्रांसफर किया गया है। आशंका जतायी जा रही है कि इसी के चलते धनंजय के वकील की तरफ से यह जान को खतरा होने की आशंका जतायी गयी थी।

फतेहगढ़ जेल में हैं धनंजय के साथी

फर्रुखाबाद जिले की फतेहगढ़ जेल में धनंजय सिंह को शिफ्ट किये जाने का फैसला शासन का है। लेकिन, इसी बहाने धनंजय अपने साथियों के बीच पहुंच रहा है। बता दें कि इसी जेल में पश्चिम का शातिर अपराधी सुनील राठी भी है। सुनील राठी ने ही बागपत जेल में जौनपुर जिले के ही मूल निवासी शातिर अपराधी मुन्ना बजरंगी की हत्या की थी। मुन्ना की जेल में हत्या की साजिश रचने का आरोपी धनंजय सिंह भी माने जाते हैं। इसके अलावा फतेहगढ़ जेल में ही दिलीप मिश्रा भी बंद हैं। मूल रूप से प्रयागराज का रहने वाला दिलीप मिश्रा चाका का पूर्व ब्लाक प्रमुख रह चुका है। इसी जेल में सुभाष ठाकुर भी बंद है। उसके भी धनंजय से अच्छे रिश्ते बताये गये हैं। इसी के चलते चर्चा रही कि जेल शिफ्टिंग के बहाने धनंजय को दुश्मनो से दूर अपनो के बीच पहुंचा दिया गया है।

पांच मार्च को किया था सरेंडर

मूल रूप से जौनपुर जिले के रहने वाले पूर्व सांसद माफिया धनंजय सिंह ने पांच मार्च को प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया था। 2017 में ब्लाक प्रमुख खुटहन के चुनाव के दौरान मारपीट, फायरिंग और जान से मारने की धमकी देने के मामले में उनकी बेल निरस्त कराने की अर्जी इसी दिन कोर्ट में दाखिल हुई थी। प्रयागराज के रहने वाले व्यक्ति ने जमानत वापस लेने की अर्जी लगायी थी। कोर्ट ने बेल बांड निरस्त करके धनंजय को ज्यूडिशियल कस्टडी में नैनी सेंट्रल जेल भेजने का आदेश दिया था। बता दें कि 6 जनवरी को लखनऊ में हुई मऊ जिले के मूल निवासी पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की हत्यारों को शरण देने का आरोप धनंजय सिंह पर लगा था। मुठभेड़ में मार गिराये गये एक शूटर से यह जानकारी मिलने के बाद धनंजय का नाम भी इस मुकदमे में शामिल कर दिया गया था। इसके बाद कोर्ट से उनके खिलाफ वारंट जारी हो गया था। उन पर पुलिस की तरफ से इनाम भी घोषित कर दिया गया था। संभावना जतायी गयी कि पुलिस के बढ़ते प्रेशर के चलते ही धनंजय ने बेल तोड़वाकर जेल चले जाना ज्यादा सुरक्षित माना।

देर रात शासन से आदेश मिला था। हमने सुबह से पहले ही जेल ट्रांसफर किये जाने की फारमेलिटी पूरी कर ली थी। गुरुवार सुबह 10 बजकर 5 मिनट पर जेल शिफ्टिंग के लिए उन्हें जिला पुलिस के हवाले किया गया।

पीएन पांडेय

वरिष्ठ अधीक्षक, नैनी सेंट्रल जेल

Posted By: Inextlive