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मामले पेश हुए महिला जन सुनवाई में

1000

मामले सुने जा चुके हैं अब तक

400

मामले अब भी चल रहे हैं पेंडिंग

600

मामले जन सुनवाई से निस्तारित

महिला जन सुनवाई में पहुंची महिलाओं ने लगाई इंसाफ की गुहार

कोरोना काल के बाद पहली बार हुई सुनवाई

मैडम, गांव के दो लोगों ने हमारे साथ रेप किया। परिवार के दूसरे लोगों के साथ मारपीट की। थाने पहुंचे तो पुलिस वालों ने बात नहीं सुनी। बड़े साहब के हस्तक्षेप से 376डी के तहत मामला दर्ज किया गया। अभी तक आरोपी गिरफ्तार नहीं किए गए। जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो मैं आत्महत्या कर लूंगी। यह कहना था खीरी थाने के नीवी गांव की रहने वाली दीपिका (परिवर्तित नामम) का। वह अपना दु:खड़ा लेकर बुधवार को सर्किट हाउस में चल रही महिला जनसुनवाई में पहुंची थी।

दगाबाज पति पर हो कार्रवाई

जन सुनवाई में जबरन दूसरी शादी कराने का मामला भी सामने आया। कटरा की रहने वाली अंकिता (परिवर्तित नामम) ने बताया कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है। उसकी ससुराल सोरांव के शेरगढ़ में है। जिस दिन प्रयागराज से वहां बारात जा रही थी, वह सोरांव थाने पहुंची। शिकायत दर्ज करायी। लेकिन, इसे नोटिस ही नहीं लिया गया। पति आराम से दूसरी पत्‍‌नी के साथ रह रहा है।

कब होगी आरोपी की गिरफ्तारी

मऊआइमा थाने के शादी के बहाने तीन बच्चियों के बेचने के मामले में भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामल कीे पैरवी एनजीओ द्वारा की जा रही है। जनसुनवाई में बताया गया कि तीनों को हरियाणा-पंजाब में बेच दिया गया था। चार फरवरी को बाल कल्याण समिति के हस्तक्षेप से मामला दर्ज किया गया। आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की गई है।

सुनवाई में पहुंचा हाई प्रोफाइल मामला

जन सुनवाई के दौरान एक अन्य हाई प्रोफाइल मामला भी पहुंचा। ताशकंद मार्ग की रहने वाली किरन सिंह ने बताया कि एमजी मार्ग के रहने वाले अरुण खेत्रपाल, सुनील खेत्रपाल और आयुष खेत्रपाल ने उनकी बेटी को न्याय मार्ग स्थित जमीन बेचने के नाम पर पचास लाख से अधिक रुपए ले लिए। अभी तक सेल डीड भी उनके नाम नही की है। अब पैसे वापस मांगने पर खेत्रपाल फैमिली ना नुकुर कर रही है। इस मामले को थाने में भी दर्ज नही किया जा रहा है।

सुनवाई तक आने का किराया भी नही

पीडि़त महिलाओं की पैरवी करने वाली कई संस्थाओं के सदस्य भी मौजूद थीं। उनका कहना था कि कुछ महिलाओं के पास थाने या सुनवाई स्थल तक पहुंचने के लिए किराया नहीं होता। इनको दूसरों की सहायता से यहां तक लाया जाता है। खासकर रेप की शिकार महिलाओं को इंसाफ की सख्त दरकार होती है। इनके बारे में पुलिस और प्रशासन को जरूर सोचना चाहिए।

सरकार मिशन जनशक्ति अभियान चला रही है। मेरी राय है कि पुलिस और प्रशासनिक अफसर सड़क पर अभियान चलाने के साथ इसे अपने हृदय में भी स्थान दें। तब महिलाओं को समय रहते इंसाफ मिलना संभव होगा।

अनीता सिंह,

सदस्य, राज्य महिला आयोग

सुनवाई में कुल 17 मामले आए थे। इनमें रेप, धोखाधड़ी, एक्सटरनल अफेयर आदि के मामले शामिल थे। सभी की सुनवाई सदस्य द्वारा की गई है और संबंधित अधिकारियों को संबंधित निर्देश दिए गए हैं।

पंकज मिश्रा,

डीपीओ प्रयागराज

Posted By: Inextlive