डेढ़ हजार से ज्यादा स्थानों पर विराजेंगी मां दुर्गा
प्रयागराज (ब्यूरो)। कोरोना कॉल से लेकर पिछले वर्ष तक सामूहिक रूप से धार्मिक आयोजन भी बंद हो गए थे। लोग पिछले तीन वर्षों से इस तरह के आयोजन खुलकर नहीं कर पा रहे थे। इस बार मौका मिला तो सभी पूरी ताकत से पर्वों को मनाने की जुगत में जुट गए हैं। बाकायदा इसके लिए आयोजकों के जरिए पुलिस व प्रशासनिक अफसरों से परमीशन ली गई है। अफसरों द्वारा दिए गए परमीशन में हर पर्व व कार्यक्रम के अलग-अलग आर्डर हैं। इन आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में सबसे ज्यादा मां दुर्गा पूजा के पंडाल लगाए जाएंगे। रेकार्ड के दस्तावेजी पन्नों को पलटना जाय तो सबसे ज्यादा 887 दुर्गा पूजा पंडाल यमुनापार में लगाए जा रहे हैं। इसके बाद गंगापार में 742 व सबसे कम 187 दुर्गा पूजा पंडाल शहरी इलाकों में लगाए गए हैं। इन धार्मिक आयोजनों के परमीशन का रेकार्ड यहीं नहीं खत्म होता। दशहरा पर मेला लगाने में भी ग्रामीण परिवेश के लोग शहरियों से काफी आगे हैं। इस बात की गवाही पुलिस विभाग के आंकड़े देते हैं। इन आंकड़ों पर गौर करें तो शहर में कुल 11 ऐसे स्थान हैं जहां पर दशहरा का मेला लगाया जाएगा। जबकि यमुनापार में 22 स्थान चिन्हित किए गए हैं। सर्वाधिक सबसे ज्यादा 131 स्थानों पर दशहरे का मेला गंगापार में आयोजित होगा। दुर्गा पांडाल हो या फिर दशहरे का मेला अथवा रामलीला। हर जगह सुरक्षा को लेकर एसएसपी द्वारा सम्बंधित थानों को को सख्त हिदायत दी गई।
जानिए किस एरिया में कितने आयोजन
क्षेत्र दुर्गा पूजा दशहरा मेला
शहर 187 11
गंगापार 742 131
यमुनापर 887 33 राम की लीला में गंगापार आगे
भगवान श्रीराम की लीला के मंचन की भी तैयारियां करीब पूर्ण हो चुकी हैं। आयोजकों के द्वारा पुलिस व प्रशासन से इसके लिए परमीशन ली गई है। इस पर गौर करें तो नगर क्षेत्र में मात्र छह स्थानों पर रामलीला का आयोजन होगा। जबकि यमुनापार में 50 और सर्वाधिक 118 स्थानों पर गंगापार में रामलीला का मंचन किया जाएगा।
दुर्गा पूजा से लेकर दशहरा मेला तक के आयोजनों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजार किए गए हैं। परमीशन में आयोजकों को दिए गए निर्देशों का पालन करना होगा। ऐहतियात के तौर पर दो प्लाटून पीएसी बुला ली गई है। सम्बंधित थाना प्रभारी व सर्किल के सीओ एवं एसपी क्षेत्रों गतिशील रहेंगे।
शैलेश कुमार पांडेय, एसएसपी प्रयागराज