- नगर निगम में कम वोट पडऩे से नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें


प्रयागराज ब्यूरो । चुनावी विशेषज्ञ मानते हैं कि जब भी 45 फीसदी या इससे अधिक वोटिंग होती है, भाजपा के जीतने के आसार बढ़ जाते हैं। क्योंकि वोटिंग में सबसे ज्यादा भाजपा के वोटर ही अनुपस्थित रहते हैं। इनमें सवर्ण वोटर शामिल हैं। गुरुवार को भी यही हुआ। नगर निगम के चुनाव में महज तीस फीसदी वोट पड़े। यह भी माना जा रहा है कि जिस भी दल का प्रत्याशी जीतेगा, उसकी हार जीत काफी कम वोटों से होगी। ऐसे में जब तक रिजल्ट नही आएगा, तमाम पार्टियों के प्रत्याशियों की नींद उड़ी रहेगी। एक डिप्टी सीएम, एक मंत्री व एक पूर्व मंत्री को दी गई जिम्मेदारी


प्रयागराज में निकाय चुनाव की जिम्मेदारी उप्र सरकार के एक मंत्री, एक डिप्टी सीएम और पूर्व मंत्री को दी गई थी। यह सभी यहां पर कैंप कर वोटर्स को जागरुक करने का काम कर रहे थे। बता दें कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी सहित पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को निकाय चुनाव में अहम जिम्मेदारी खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने दी थी। यही कारण रहा कि चुनाव प्रचार के अंतिम दिन उन्होंने लूकरगंज में चुनावी सभा को संबोधित भी किया था। इसके अलावा प्रभारी मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी चुनावी तैयारियों पर अपनी नजरें बनाए हुए थे।

पिछले चुनाव में हुआ था उलटफेरहालांकि 2017 में हुए नगर निगम के चुनाव में भी 30.47 फीसदी वोटिंग हुई थी। तब भाजपा से मेयर प्रत्याशी अभिलाषा गुप्ता नंदी थीं। वह लगातार दूसरी बार इस पद के लिए चुनाव लड़ रही थीं। उन्होंने महज 27 हजार वोटों के अंतर से सपा प्रत्याशी को हराकर बड़ा उलटफेर किया था। उस समय भी कम वोटिंग होने से तमाम पार्टियों की रात की नींद उड़ी हुई थी। यही हालात इस बार भी बने हैं। लेकिन इस बार अभिलाषा भाजपा से प्रत्याशी नही हैं। भाजपा ने महानगर अध्यक्ष उमेश चंद्र गणेश केसरवानी को टिकट दिया है। उनके प्रचार में पूरा संगठन लगा रहा। 13 मई तक करना होगा इंतजार

सभी प्रत्याशियों का भविष्य में ईवीएम में कैद हो गया है। अब यह मतगणना 13 मई को मुंडेरा मंडी स्थल पर होगी। जिसमें पता चलेगा कि मेयर के चुनाव में किस पार्टी को कितने मत मिल हैं। हालांकि इतनी कम वोटिंग होने पर कोई भी पार्टी अपनी ताल नही ठोक सकती है। कोई बड़ा उलटफेर प्रत्याशियों की महत्वाकांक्षाओं पर पानी फेर सकता है। यह भी बता दें कि इस बार मेयर चुनाव में सपा, बसपा और कांग्रेस पार्टी से मायावती, अखिलेश यादव और प्रियंका बढेरा प्रचार से लापता रही हैं। इसका फायदा जरूर भाजपा प्रत्याशी को मिल सकता है।

Posted By: Inextlive