खोई हुई 'लक्ष्मी' को जीआरपी भेजी घर
वाराणसी की तीन नाबालिग छात्राएं अकेले घूमने निकल पड़ी थीं मुंबई
छिवकी स्टेशन पर गश्त के दौरान शक होने पर चौकी इंचार्ज ने तीनों को पकड़ा PRAYAGRAJ: काशी की तीन नाबालिग बेटियां के दिमाग में क्या था किसी को नहीं पता। घर वाले उन्हें पढ़ने के लिए स्कूल भेजे थे। वह फिल्म नगरी मुंबई घूमने का ख्वाब पाल बैठीं। उन्हें यह सपना कोई दिखाया या खुद देखी थीं यह जांच का विषय है। फिलहाल वह मुंबई की ट्रेन पकड़तीं इसके पहले जीआरपी छिवकी चौकी इंचार्ज ने उन्हें पकड़ लिया। स्टेशन पर तीनों को भटकते हुए देख कर उन्हें शक हुआ था। पूछताछ शुरू करने पर जो बातें सामने आई वह हैरान करने वाली रहीं। सूचना पर पहुंची वाराणसी पुलिस और परिजन तीनों छात्राओं को लेकर घर चले गए। एक छह तो दो हैं कक्षा सात की छात्रावाराणसी के लहरतारा स्थित मां दुर्गे बालिका इंटर कॉलेज की तीनों छात्रा हैं। एक कक्षा छह तो दो छात्राएं सात में पढ़ती हैं। एक कॉलेज में पढ़ने की वजह से तीनों में गहरी दोस्ती हैं। सोमवार की सुबह तीनों घर से स्कूल बैग लेकर कॉलेज के लिए निकली। अचानक इनके दिमाग में न जाने क्या हुआ वह ट्रेन पकड़ कर मुंबई जाने का सपना संजो लीं। सपने को पूरा करने के लिए वह ट्रेन में बैठकर प्रयागराज छिवकी स्टेशन पहुंची। यहां स्टेशन पर उन्हें भटकते हुए देख जीआरची चौकी इंचार्ज को आशंका हुई। वह पकड़कर पूछताछ शुरू किए तो तीनों बताई कि वे घूमने के लिए अकेले मुंबई जा रही थीं। चूंकि तीनों नाबालिग थीं लिहाजा चौकी इंचार्ज माजरा समझ गए। तलाशी में उनके पास स्कूल का आई कार्ड मिला जिस पर कॉलेज व परिजनों के मोबाइल नंबर लिखे थे। चौकी इंचार्ज जीआरपी ने उन नंबरों पर फोन कर परिजनों को पूरी बात बताई। इसके बाद वह जानकारी जीआरपी वाराणसी और उनके थाने को दिए। पुलिस के साथ पहुंचे परिजन तीनों बच्चियों को लेकर वाराणसी घर चले गए। यदि चौकी इंचार्ज की नजर न पड़ी होती और थोड़ी सी चूक किए होते तो तीन परिवारों की लक्ष्मी फिल्म नगरी में बेशक खो गई होती।
हमराहियों के साथ स्टेशन पर गश्त के वक्त तीनों को एक साथ भटकते हुए देखने पर शक हुआ था। पूछने पर माजरा समझ आया तो चेक करने पर स्कूल का आईकार्ड मिला। सूचना पर पहुंचे घर वालों के साथ तीनों को भेज दिया गया है। अयोध्या प्रसाद यादव, चौकी इंचार्ज जीआरपी छिवकी