घरों में संयम और परम्परा से मना भगवान महावीर का जन्मोत्सव
- जैन मंदिरों में परसरा रहा सन्नाटा, पुजारियों ने रश्म के अनुसार किया पूजन
जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मकल्याण का महोत्सव (जयंती) रविवार को पूरी श्रद्धा, संयम व परंपरा के अुनसार मनायी गई। हालांकि इस बार कोरोना महामारी की भयावहता और लगातार बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए लोगों ने अपने घरों में ही रहकर जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाया। यहीं कारण रहा कि इस बार जैन मंदिरों में सन्नाटा रहा। दिगंबर जैन पंचायती सभा प्रयागराज की ओर से कोविड 19 प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करते हुए पूरी सावधानी के साथ ही महावीर जयंती मनायी गई। इस अवसर पर होने वाले सामूहिक पूजा-अर्चना व सार्वजनिक आयोजनों को स्थगित कर दिया। जैन धर्मावलंबियों ने घर में यम-नियम से भगवान महावीर का पूजन करके उनकी कृपा प्राप्ति की कामना की। नित्य देव दर्शन व पूजन का है विशेष महत्वजैन समुदाय में शास्त्रों का विशेष महत्व है। जैन धर्म में नित्य देव दर्शन व पूजा-अर्चना का विशेष महत्व बताया गया है। लेकिन, इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए देश व समाज के हित में जैन धर्मावलंबी घर से बाहर नहीं निकले। समुदाय के लोगों ने अपने घर में रहकर धाíमक चैनलों के माध्यम से आचार्य प्रमाण सागर महाराज, आचार्य विद्या सागर महाराज, आचार्य सुधा सागर महाराज व साध्वी ज्ञानमती का प्रवचन सुना। साथ ही उनके निर्देशन के अनुरूप घर में पूजा-अर्चना व संध्या आरती की। दिगंबर जैन मंदिर जीरो रोड में पं। सुनील जैन ने परंपरा के अनुसार भगवान का अभिषेक व शांतिधारा किया। मंदिर में महिला मंडल की सदस्य बाला जैन, खुशबू जैन, रत्ना जैन, किरण जैन भी पूजन में शामिल हुईं। इस दौरान मंदिर के बाहर मास्क वितरित किये गए। कार्यक्रम के दौरान जैन आचार्य ने लोगों ने सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन का कड़ाई से पालन करने और अपने साथ ही दूसरों को भी सुरक्षित रहने के लिए प्रेरित करने की अपील की।