कोहरे में 10 घंटे से अधिक ट्रेन नहीं चलाएंगे लोको पायलट
प्रयागराज (ब्यूरो)। बीते कुछ दिन से बीच-बीच में हो रही अचानक बूंदाबांदी से ठंड ने दस्तक दे दी है। कोहरे का हल्का असर भी दिखने लगा है। ट्रेनों के संचालन पर कोहरे का जबरदस्त प्रभाव पड़ता है। ट्रेनों के लेट होने और दुर्घटना जैसी संभावना भी बढ़ती है। दुर्घटनाओं को रोकने और सुचारू संचालन के लिए रेलवे ने कोहरे में किसी भी लोको पायलट से 10 घंटे से अधिक ट्रेन नहीं चलवाने का फैसला किया है। लोको पायलट की कमी को देखते हुए स्टाफ की कमी जैसी समस्या सामने आ सकती है। रेलवे बोर्ड लोको पायलट को पर्याप्त आराम देने और कम दबाव के साथ बेहतर काम करने के लिए पहले ही निर्देश जारी कर चुका है, जिसमें स्पष्ट है कि लोको पायलट से लगातार 10 घंटे से अधिक ट्रेन न चलवाई जाए। रङ्क्षनग स्टाफ को समयबद्ध तरीके से बदलने के लिए अभी तक चल रही दूरी की व्यवस्था में भी बदलाव होगा। लोको पायलट की ड्यूटी दूरी की जगह समय के अनुरूप ही बदल जाएगी।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर से कोहरे की समस्या जोर पकड़ती है और जनवरी के प्रथम पखवारे तक स्थिति बहुत ङ्क्षचताजनक होती है। इस समयावधि में विशेष तौर पर यह नियम प्रभावी होगा। सामान्यत: ट्रेन के चलने से लेकर अगले 10 घंटे तक लोको पायलट की ड्यूटी होती है। 10 घंटे बाद दूसरा लोको पायलट उस स्थान पर ड्यूटी बदलता है। यह नियम सामान्य परिस्थिति में ही लागू रह पाता है।