खाता नहीं तो भी मिलेगा लॉकर
आरबीआई की नई गाइडलाइन लॉकर लेने की प्रक्रिया को बनाएगी आसान और पारदर्शी
ऑनलाइन मिलेगी बैंकों में खाली लॉकर की जानकारी, कोर बैकिंग सिस्टम से जुड़ेगा डाटा बैंकों में लॉकर लेने की प्रक्रिया अब और आसान और पारदर्शी होगी। इसी साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद लॉकर अलॉटमेंट को लेकर सभी बैंकों को आरबीआई की ओर से रिवाइज गाइडलाइन जारी कर दी गई है। जिसके मुताबिक बैंकों में लॉकर की उपलब्धता की जानकारी ऑनलाइन मुहैया करानी होगी। बैंक अपने यहां उपलब्ध लॉकर का डाटा अपने कोर बैंकिंग सिस्टम पर अपडेट करेंगे। कस्टमर को लॉकर के लिए चल रही वेटिंग की जानकारी मिलेगी। किसी ब्रांच में लॉकर के लिए वेटिंग होने पर एक टोकन नंबर भी बैंक को लॉकर के लिए अप्लाई करने वाले कस्टमर को देना होगा। गैरकानूनी सामान नहीं रखेगा कस्टमरमहंगी ज्वैलरी, इंपॉर्टेंट डॉक्युमेंट, सíटफिकेट या वो वस्तुएं जो कीमती होती हैं, उन्हें रखने के लिए बैंक लॉकर सेफ जगह माना जाता है। आरबीआई की बैंक लॉकर को लेकर नई गाइडलाइन एक जनवरी 2022 से लागू होगी। इस गाइडलाइन के मुताबिक अगर किसी कस्टमर को बैंक में लॉकर लेना है तो उसके लिए उस कस्टमर का बैंक में खाता होना जरूरी नहीं है। बिना बैंक अकाउंट के भी बैंक में कोई शख्स लॉकर खोल सकता है। इस नई रिवाइज गाइडलाइन के मुताबिक लॉकर खोलते वक्त बैंक आवेदक के साथ एक रेंट एंग्रीमेंट करेगा। जिसमें एक प्रावधान यह भी होगा कि कस्टमर इस बात को स्पष्ट करेगा कि वह लॉकर में कोई गैरकानूनी या खतरनाक सामान नहीं रखेगा। अगर बैंक को किसी लॉकर के गैरकानूनी इस्तेमाल का शक होता है, तो बैंक उस पर कार्रवाई भी कर सकता है।
लॉकर साइज पर डिपेंड करता है किराया - लॉकर के साइज के हिसाब से बैंक एक हजार से लेकर 10 हजार रुपए सालाना करते हैं चार्ज - बैंक लॉकर का किराया कितना होगा ये बैंक की ब्रांच और लॉकर के साइज पर है डिपेंड - भारतीय स्टेट बैंक शहरी और मेट्रो इलाकों में छोटे आकार के लॉकर (125भ्*175भ्*492 सेमी) के लिए सालाना 1500 रुपये प्लस जीएसटी करते है चार्ज - वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में इसी लॉकर का किराया 1000 रुपये प्लस जीएसटी है चार्ज - एसबीआई में एक एक्स्ट्रा लार्ज लॉकर के लिए आपको हर साल चुकाना पड़ सकता है 12 हजार रुपये विद जीएसटी - लॉकर के आकार के आधार पर रजिस्ट्रेशन फीस भी देनी होती है। एसबीआई छोटे और मध्यम लॉकरों के लिए लेता है 500 रुपये प्लस जीएसटी- जबकि लार्ज और एक्स्ट्रा लार्ज लॉकर के लिए 1000 रुपये और जीएसटी का करना पड़ता है भुगतान
क्या होंगे फायदे? - बैंकों को सभी शाखाओं में खाली लॉकर का ब्योरा कोर बैंकिंग सिस्टम को कराना होगा उपलब्ध, इससे ग्राहक ऑनलाइन कर सकेंगे आवेदन - नए ग्राहकों के लिए एक और सुविधा हो रही शुरू - अगर आप किसी बैंक में लॉकर लेने जाएं और उस ब्रांच में कोई लॉकर खाली नहीं हुआ, तो आपको वेटलिस्ट नंबर दिया जाएगा। इससे लॉकर के अलॉटमेंट में पारदर्शिता आएगी। - लॉकर का उपयोग करने पर बैंकों को संबंधित ग्राहक को एसएमएस और ईमेल भेजना पड़ेगा - लॉकर को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करने पर ग्राहक को पहले ही सूचना देना होगी। - इतना ही नहीं, लॉकर किराए के तौर पर एफडी का इस्तेमाल भी किया जा सकेगा - इसके ब्याज से किराया राशि की कटौती की जा सकेगी - इसके लिए टर्म डिपॉजिट की रकम इतनी हो सकती है कि उससे लॉकर का तीन साल का किराया और जरूरत पड़ने पर उसे तोड़कर खोलने का खर्च निकल आए- बैंक को लॉकर रूम में प्रवेश या बाहर निकलने का सीसीटीवी फुटेज कम से कम 180 दिन रखना होगा। इसके माध्यम से सुरक्षा और कड़ी होगी
यदि आप भी नया लॉकर लेने का विचार कर रहे हैं, तो इसके लिए आप पहले ही मेंटेनेंस, होल्डिंग और नॉमिनेशन और क्लोजिंग जैसी बातों की जानकारी बैंक से ले लें। आपको लॉकर उसकी उपलब्धता का पता करना पड़ेगा और बैंक के साथ लॉकर रेंटल एग्रीमेंट करना होगा। कब से नई व्यवस्था लागू होगी। इसका मैसेज जैसे ही प्राप्त होता है। कस्टमर तक पहुंचाया जाएगा। मोहम्मद खालिद राईन, एचडीएफसी बैंक मैनेजर