लॉकडाउन को मिला पब्लिक का सपोर्ट
बड़ी से लेकर छोटी मार्केट की दुकानें रहीं बंद, सड़कों पर रहा सन्नाटा
व्यापारी व अधिवक्ता, शिक्षक एवं कर्मचारी सहित आम लोग भी घरों में रहे कैद कोरोना चेन तोड़ने के लिए सप्ताह में दो दिन लॉकडाउन की सरकारी घोषणा हुई है। शनिवार को लॉकडाउन का पहला दिन था। मुसीबत की इस घड़ी में पब्लिक ने लॉकडाउन का खुलकर सपोर्ट किया। घरों से बाहर नहीं निकले। छोटी से लेकर बड़ी मार्केट तक की सभी दुकानें बंद रहीं। सड़कों पर पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा। चौराहों पर चेकिंग ड्यूटी में लगाए गए पुलिस के जवान काफी एक्टिव रहे। मजबूरी में घर से निकले लोगों की चौराहों पर सख्ती से पुलिस चेकिंग करती रही। गली- मोहल्ले तक में दुकानें रहीं बंदलॉकडाउन का असर गली और मोहल्लों में भी दिखाई दिया। यहां भी दुकानों के शटर में ताले लटकते रहे। शहर की बड़ी मार्केट कही जाने वाली कटरा व चौक की गलियों व सड़कों पर भी सन्नाटे का आलम रहा। जबकि आम दिनों में यहां सड़कों से निकलना मुश्किल होता है। सिटी के पॉश एरिया सिविल लाइंस, एजी ऑफिस, अशोक नगर, में भी लॉकडाउन का तगड़ा असर देखने को मिला। सुलेमसराय, करेली, अलोपीबाग और नैनी एवं झूंसी के लोग भी घरों में कैद रहे। बाजारें पूरी तरह से बंद रही हैं। बगैर किसी प्रेशर व दबाव के पब्लिक खुद इस बार लॉकडाउन का खुलकर सपोर्ट की। बड़े व्यापारी रहे हों या फिर छोटे, अधिवक्ता समाज रहा हो या फिर शिक्षक इस मर्तबा हर सभी शिद्दत से लॉकडाउन का पालन किए। हालात यह थे जैसे पब्लिक खुद लॉकडाउन के आदेश का इंतजार कर रही थी। खैर, इंतजार करते भी क्यों नहीं। इस कोरोना काल में बिजनेस व व्यापार और पेशे से ज्यादा जिंदगी जरूरी है। अदृश्य मौत से इंसानों की छिड़ी जंग में पब्लिक का यह सपोर्ट शनिवार को काबिले तारीफ रहा।
जरूरी काम बताओ वर्ना घर जाओ लॉकडाउन में शनिवार को जबरदस्त सन्नाटे के बीच चौराहों पर ड्यूटी कर रहे पुलिस के जवान काफी चौकन्ना रहे। भूल से भी यदि कोई घर से निकला तो उसे जगह-जगह चेकिंग का सामना करना पड़ा। पुलिस ऐसे लोगों से बस एक ही सवाल करती नजर आई, लाखों लोग घर में हैं तो आप क्यों नहीं। यदि जरूरी था तो वह जरूरी काम बताओ वर्ना सीधे घर जाओ। दवा या हॉस्पिटल का पर्चा दिखाने पर ही पुलिस लोगों को आगे जाने दिया। केवल इमरेंसी सेवाएं ही थी चालू पेट्रोल पम्प व मेडिकल स्टोर जैसी जरूरी सेवाएं देने वाली दुकानें व प्रतिष्ठान खुले रहे।मगर यहां पेट्रोल पम्पों पर ग्राहकों की संख्या बिल्कुल नहीं थी। क्योंकि लोग घरों से निकले ही नहीं।
मेडिकल स्टोरों पर भी आम दिनों की तुलना पर भीड़ न के बराबर थी। दवाएं लेने वही लोग इन मेडिकल स्टोरों पर पहुंचे जिन्हें बहुत जरूरी था। केवल हॉस्पिटल में मरीजों के साथ रहे तीमारदारों की संख्या काफी देखने को मिली। पहले दिन लॉकडाउन में पब्लिक का सहयोग सराहनीय है। कोरोना को मात देने में हर शख्स को भागीदार बनना पड़ेगा। लॉकडाउन व पब्लिक के सपोर्ट से ही कोरोना का चेन टूट सकता है। यह बात पब्लिक समझ रही है। कवीन्द्र प्रताप सिंह आईजी प्रयागराज जोन