बस मालिकों को बैंक की ओर से भेजी जा रही नोटिस, समय पर जमा न करने पर सीजर द्वारा बस खींच लेने की चेतावनी

आर्थिक संकट से जूझ रहे ड्राइवर और कंडक्टर बस मालिकों का लगा रहे चक्कर

412

कुल बसे हैं जिले में टूर एंड ट्रेवल्स की

28

हैं एसी बसें जो प्राइवेट में चलती हैं

3000

के करीब स्टाफ इन बसों पर काम करता है स्टॉफ

04

महीने किश्त जमा न होने पर हो जाती है सीज

31

मई के बाद ट्रेवेल एजेंसी संचालक सरेंडर कर सकते हैं बसें

कोरोना ने बसों की रफ्तार पर ब्रेक लगा रखा है। बसों के न चलने से मालिकों को किस्त जमा करने का संकट मंडरा रहा है। ज्यादातर बस मालिक बसों का लोन दूसरे चीजों पर लोन लेकर बस की किस्त भर रहे हैं। वहीं डेली काम करने वाले ड्राइवर कंडक्टर और अन्य कर्मचारी बेरोजगार होने पर बस मालिकों के पास पैसे के लिए चक्कर लगा रहे हैं। ऐसी स्थिति में अब बस मालिकों को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिरकार क्या करें। लोन लेकर लोन को चुकता करें या फिर ड्राइवर कंडक्टर और क्लीनर की मदद करें। वहीं दूसरी तरफ समय पर लोन जमा न करने पर बैंक नोटिस भेज रहा है। फोन करके समय पर किस्त जमा न करने पर बसों को सीजर द्वारा खींचने की चेतावनी दी जा रही।

लाखों में जा रहा किस्त

एक बस मालिक के पास तकरीबन तीन से चार बसें हैं। लगभग सभी बसें लोन पर ले रखे हैं। जिनकी किस्त 30-40 हजार नहीं बल्कि लाखों में जाती है। ऐसी स्थिति में इनकम बिल्कुल जीरो है। बैंक का किस्त बराबर समय पर कट रहा है। किसी महीने किस्त बाउंस हो जाती है तो बैंक का कॉल आने लगता है। यही नहीं लगातार 4 महीने तक अगर किस्त नहीं जमा की जाती है तो सीजर द्वारा कहीं पर भी बसों को रोक कर खींच लिया जाएगा। ऐसी स्थिति में मजबूरी में पत्नी के जेवर व प्रॉपर्टी पर लोन लेकर लोन चुकता किया जा रहा है। लेकिन उनके समझ में नहीं आ रहा है कि स्थिति कब तक ठीक होगी। यहां तक कि कई लोगों को घर व जमीन बेचने तक की नौबत आ जाएगी। वहीं दूसरी तरफ बहुत से लोगों ने बस बेचने तक का भी मूड बना लिया है। 31 मई के बाद अगर कोई रास्ता नहीं दिखता है तो बहुत से बस मालिक बसों को सरेंडर भी करेंगे।

बसों को लोन पर ले रखा है हर महीने किस्त समय पर कटता है। ऐसी स्थिति में बसों का लोन भरने के लिए दूसरी चीजों पर लोन लेकर चुकाया जा रहा है। ताकि गाड़ी सीजर द्वारा खींची न जाए। इस काम से जुड़े अन्य कर्मचारी भी परेशान हैं।

गुड्डू शर्मा,बस मालिक

अगर 2 महीने कि़स्त जमा न करो तो बैंक का नोटिस आने लगता है। यही नहीं अगर बैंक का फोन न उठाओ तो सीजर द्वारा गाड़ी खींचने की चेतावनी दी जाती है। मजबूरी में घरों का सामान गिरवी रखकर बसों का लोन भर रहे हैं। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों की मदद करें या फिर लोन भरे।

अमित सिंह श्री राम टूर एंड ट्रेवल्स

हर बस मालिक के पास तीन से चार बसे हैं। एक बस की किस्त लगभग 50 से 60 हजार आता है। इन परिस्थितियों में लोन भरने में दिक्कत आ रही है.अगर कोरोना की स्थिति ठीक भी हो गई तो हालात सुधरने में वक्त लगेगा। शुरुआत में लोग सफर करने से भी बचेंगे।

राहुल शर्मा,बस मालिक

इस काम से जुड़े अन्य कर्मचारी भी हमारे भरोसे हैं। वह भी हम लोगों से उधार मांगते हैं। रोड टैक्स अलग टेंशन बना हुआ है। सरकार की तरफ से कोई भी राहत अभी तक टूर एंड ट्रेवल्स वालों को नहीं दी गई है। अगर स्थिति नहीं सुधरी तो मजबूरी में वाहनों को सरेंडर करना पड़ेगा।

रितिक द्विवेदी, श्री राम ट्रैवल्स

Posted By: Inextlive