जैन मंदिरों में दशलक्षण पर्व पर हुए विशेष आयोजन

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। जैन धर्मावलंबियों ने दसलक्षण पर्व के दसवें दिन उत्तम ब्रम्हचर्य धर्म और अनंत चतुर्दशी धार्मिक प्रभावना के साथ मनाया। सुबह सुनील जैन के निर्देशन में भगवान का अभिषेक एवम विश्व शांति की कामना से शांतिधारा दिनेश जैन, राजेश जैन, नेता जैन, दीपक जैन और राम जी जैन के द्वारा की गई।

सामूहिक अभिषेक
इसके पश्चात केसरिया वस्त्रों में श्रद्धालुओं द्वारा स्वर्ण और रजत कलशो भगवान का सामूहिक अभिषेक और आरती की गई। सुनील जैन ने बताया कि पूर्ण रूप से संयमित जीवन जीना ही उत्तम ब्रम्हचर्य है। अपनी पत्नी में संतोष रखना और सभी स्त्रियों को माता बहन और पुत्री के समान मानना चाहिए। जैसे वृक्ष की शोभा पत्तों से नहीं फलों से होती है। मंदिर की शोभा पत्थरों से नहीं मूर्ति से होती है। मकान की शोभा दरवाजे से नहीं मनुष्य से होती है उसी प्रकार मनुष्य की शोभा शृंगार से नहीं ब्रम्हचर्य से होती है। भगवान वासुपुज्य स्वामी का मोक्ष कल्याणक मनाया गया। जिसमे 12 किलो के लड्डू दिनेश जैन, शेखर जैन, राहुल जैन, धन कुमार जैन ने सपरिवार अर्पित किए।

जैन महिला मंडल की मंत्री बाला जैन ने बताया की जैन धर्म के 12वें तीर्थंकर वासुपुज्य स्वामी ने सत्य अहिंसा के उपदेश दिए, हम उनके बताए रास्ते पर चले तो हमारा मोक्ष कल्याणक मनाना सार्थक होगा। श्रीमती बाला जैन के निर्देशन में अष्ट द्रव्य थाल प्रतियोगिता भी हुई जिसमें लोगो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। डाली जैन और महिला मंडल के सदस्य के द्वारा सभी को पुरस्कृत किया गया। सायंकाल 4 बजे से श्री जी का अभिषेक, जिनवाणी पूजन, भगवान की आरती एवम प्रश्न मंच का आयोजन किया गया जिसमे विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। बुद्धवार को क्षमा वाणी पर्व मनाया जायेगा।

Posted By: Inextlive