साहित्य व तकनीकी समन्वय से समाज को मिल सकती है नई दिशा
प्रयागराज ब्यूरो । लोकरंजन प्रकाशन की ओर से रविवार को सिविल लाइन स्थित होटल में सम्मान समारोह व पुस्तक का विमोचन किया गया।
इस दौरान ग्वालियर भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डॉ एसएन सिंह ने कहा कि साहित्य और तकनीकी के संबंध से समाज को नई दिशा मिल सकती है। ट्रिपल आईटी के रजिस्ट्रार डॉ सतीश कुमार सिंह ने कहा कि लोगों को अपने घरों में भी बाकी चीजों की तरह एक पुस्तकालय का कोना भी रखना चाहिए। इससे घरों में भी सृजनात्मकता का बढ़ेगी। रंगमंच के निर्देशक अशोक शुक्ला ने कहा कि आजकल अच्छे नाटकों की कमी है। लेखकों को इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है ताकि रंगमंच कर्मियों को भी अपने अभिनव को दिखाने के लिए बेहतर नाटक मिल सके। प्रेम चंद्र पांडेय ने कहा था बच्चों को गिफ्ट में पुस्तके भी वेट करनी चाहिए जिससे बच्चों के मन में किताबें पढऩे की भावना जागृत हो। कार्यक्रम में रंजन पांडे के उपन्यास पार्क की वह शाम, डॉ शिवानी चंद्रा की पुस्तक मिडल रोड और डॉक्टर अनुपम वर्मा की पुस्तक महिला सशक्तिकरण का विमोचन किया गया। इसके साथ ही लोकरंजन प्रकाशन से जुड़े लेखकों रामधन द्विवेदी डॉ शिवानी चंद्रमा सहाय अंजनी कुमार सिंह महेंद्र प्रसाद शुक्ल डॉ अनुपम मौर्य, रूपा सिंह उमेश श्रीवास्तव और कांति पांडे को सम्मानित किया गया। समारोह का संचालन रंजन पाण्डेय ने किया। इस मौके पर प्रियम पांडे, पूनम पांडे, विभा सिंह, स्वाति सिंह ,राजश्री, मधुश्री अखिलेश तिवारी ,राहुल, देवेंद्र राकेश, पूर्णिमा, डॉ दीपा, सुधाकर, आश्विन पांडेय, शैलेंद्र यादव, हर्षित, अनुराधा, अर्पित आदि मौजूद रहे।