अपनी मर्जी से शादी करके पत्नी व सास के साथ हंडिया भिदिउरा में रहता था जौनपुर का युवक

प्रयागराज ब्यूरो । आज से करीब नौ साल पूर्व हुई कासिम उर्फ नाटे की हत्या में अदालत द्वारा सोमवार को सजा के बिन्दु पर फैसला दिया गया। हत्याभियुक्त निम्मो उर्फ शबनम व जैनफ उर्फ जमनब कोर्ट ने सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दस-दस हजार रुपये सभी दण्डित किया गया है। अदालत ने कहा है कि अर्थदण्ड नहीं जमा करने पर छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास होगा। सजा सुनाए जाने के बाद न्यायिक हिरासत में दोनों को भेज दिया गया था। घटना हंडिया थाना क्षेत्र के भिदिउरा गांव की है।

वर्ष 2014 में हुई थी यह घटना
जौनपुर के थाना रामपुर स्थित धनुहा गांव निवासी इकबाल के द्वारा हंडिया थाने में 14 मई 2014 को तहरीर दी गई थी। बताया था कि उसका बेटा कासिम उर्फ नाटे अपनी मर्जी से निग्गो पुत्री स्व। वसीर निवासी भिदुउरा थाना हंडिया के साथ कर लिया था। शादी के बाद वह वह पत्नी संग ससुराल यानी भिदिउरा में सास के साथ रहने लगा। एक दिन मोबाइल पर फोन आया कि तुम्हारा बेटा जल गया है। जिसे एसआरएन हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। वह हॉस्पिटल पहुंचा तो बेटे कासिम की हालत नाजुक थी। एसडीएम उसका बयान ले चुके थे। बयान में वह बताया था कि मेरी पत्नी और सास हमें जलाया है। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मामले में आरोपित निम्मो उर्फ शबनम पुत्री स्व। वशीर निवासी भिदिउरा व जैनफ उर्फ जमनब पत्नी स्व। वशीर निवासी भिदिउरा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी ने बताया कि मामले में सजा के बिन्दु पर सेशन जज के द्वारा सोमवार को फैसला सुनाया गया। दोनों आरोपितों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा अदालत के जरिए सुनाई गई है। लगाया गया अर्थदण्ड नहीं जमा करने पर छह छह माह की अतिरिक्त कारावास से दंडित किया गया है।

हंडिया थाने से सम्बंधित प्रकरण बेहद गंभीर प्रकृति का था। उपलब्ध साक्ष्यों व
गवाहों के बयान को सुनने और अवलोकन करने के बाद अदालत द्वारा दोनों अभियुक्तों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
गुलाबचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी

Posted By: Inextlive