रावण जन्म से श्रीकटरा रामलीला में लीला मंचन का आरम्भ
प्रयागराज (ब्यूरो)। श्रीकटरा रामलीला कमेटी की ओर से संचालित रामलीला के मंचन की शुरुआत समय द्वारा रावण के वंशजों का इतिहास बताते हुए महामुनि ऋषि पुलस्य के परिवार में हुआ। इसके बाद रावण अपने तपोबल से कई प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष अस्त्र शस्त्र का स्वामी हो जाता है। ध्वनि व प्रकाश के माध्यम से मंचित हो रही रामलीला में रावण व नन्दी में रोचक संवाद और भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए शिव स्त्रोतम की उत्पत्ति का मंचन किया गया। इसके बाद रावण मंदोदरी का मिलन होता। इस दौरान कलाकारों द्वारा भावपूर्ण नृत्य की मोहक प्रस्तुति की गई। इसके बाद रावण-मंदोदरी विवाह समेत कई नए रोचक प्रसंगों का भावपूर्ण मंचन किया गया। कमेटी के महामंत्री गोपाल बाबू जयसवाल ने बताया कि गुरुवार को भगवान श्रीराम की सवारी मुनि भारद्वाज आश्रम से निकलकर रामलीला कमेटी तक संक्षिप्त मार्ग से होते हुए पहुंचेगी।
श्रीदारागंज में हुआ सीता राम का विवाहश्री दारागंज रामलीला कमेटी की ओर से बुधवार को सीता स्वयंवर का मंचन हुआ। इसके पहले कमेटी की ओर से भगवान श्रीराम को बारात वेलकम, हेरीटेज बड़ी कोठी परिसर में धूमधाम से निकाली गई। पुरोहित श्रवण कुमार द्विवेदी और पुजारी संजय पाठक के निर्देशन में भव्य राम सीता का विवाह संपन्न हुआ। इसके पहले अध्यक्ष कुल्लू यादव और महामंत्री जितेंद्र गौड़ के द्वारा भगवान को सेहरा पहनाया गया। तत्पश्चात भगवान का श्रृंगार पूजन अर्चन करने के बाद काजल लगाया गया और राई और नून की आरती उतारी गई। उसके बाद गाजे-बाजे, घंटा घडिय़ाल शंख की धुन पर बारात निकली। बारात के मध्य में सच्चा अखाड़ा झूठा दरबार संस्था के लल्ला गुप्ता, विनय गुप्ता, दीपक गुप्ता, श्री राम छोटू पंडित, कल्लू गुप्ता आदि द्वारा भगवान का पूजन किया गया। सभी बारातियों को हलवा प्रसाद वितरित किया गया। बारात परिसर के अंत में बनाए गए जनकपुरी में पहुंची, जहां सभी बारातियों का स्वागत व सीता स्वयंवर समिति के संजय निषाद, कृष्ण कुमार चौरसिया, रजुल शुक्ला, घंटी महाजन के द्वारा किया गया। राम सीता विवाह के पूर्व जनक नंदिनी के द्वारा प्रभु श्रीराम के गले में जय माल डाला गया।