डॉग को छोडि़ए पार्क में और खुद करिए सैर
प्रयागराज ब्यूरो । क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: शहर में डॉग पालने का शौक रखने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। यदि पाले हुए डॉग की वजह से कहीं टूर पर फैमिली संग नहीं जा पा रहे टेंशन मुक्त हो जाएं। चंद महीनों के बाद आप अपने डॉग की चिंता किए बगैर पूरी फैमिली के साथ जितने दिन चाहें कहीं भी जा सकते हैं। आप के डॉग की पूरी देखरेख नगर निगम के डॉग पार्क में होगी। इस डॉग वेड बोर्डिंग में इस सुविधा के लिए कुछ नियम व शर्तें होंगी। जिसका पालन करना होगा। साथ ही डॉग के खाने से लेकर केयरिंग तक का नार्मल शुल्क जमा करना होगा। जमा किए गए इस शुल्क की बाकायदे आप को रसीद मिलेगी। आप को यहां फार्म भरते समय एक और पर्चा मिलेगा। उस पर्चे पर आप को अपने डॉग की हैबिट और डाइट व टाइमिंग आदि भी लिखनी होनी होगी। इसी चार्ज के अनुसार यहां आप के डॉग को सुविधाएं दी जाएंगी। लौट कर आने के बाद आप शुल्क रसीद जमा करके अपना डॉग वापस ले जा सकेंगे। जब तक लौटकर नहीं आएंगे, डॉग इसी पार्क में महफूज रहेगा।
जमा करना होगा नार्मल शुल्क
डॉग वेड बोर्डिंग यानी डॉग पार्क के निर्माण का काम यहां शुरू हो गया है। इसे धोबी घाट पर नाले के पीछे स्थित बड़े भू-भाग पर सजाया और संवारा जा रहा है। डॉग महफूज रहें, इसके लिए नाला को कवर्ड किया जाएगा। इसके बाद पूरे ग्राउंड को अच्छी तरह से साफ कराया जाएगा। फिर यहां पेड़ पौधों के साथ डॉग को नहलाने से लेकर खाने और पानी पिलाने तक के प्रबंध किए जाएंगे। ठंडी के लिए अलग और गर्मी के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी। ताकि मौसम के हिसाब से लोगों के डॉग को यहां सुरक्षित रखा जा सके। इसी के बगल में एक स्ट्रीड डॉग के लिए भी स्थान बनाया जाएगा। जहां पर अच्छे नस्ल के स्ट्रीट डॉग को पकड़कर रखा जाएगा। उन्हें कुछ महीने बाकायदे ट्रेनिंग दी जाएगी। ऐसा इस लिए ताकि लोगों का रुझान सड़कों व गलियें में घूमने वाले इन स्ट्रीट डॉग की तरफ भी बढ़ें। लोग देशी और स्ट्रीट डॉग की खासियत भी लोगों को बताई जाएगी। इन्हें पालने के प्रति लोगों का रुझान बढऩे के बाद रोड पर इनके घूमने व बढ़ते खतरे से रोका जा सकेगा। नगर निगम पशु धन विभाग इन व्यवस्थाओं को मूर्त रूप देने की तरफ कदम बढ़ा दिया है। सबसे बन कर तैयार हो जाने के बाद शहर के डॉग पसंद लोगों को इस शहर में बड़ी सुविधा मिलेगा। इस तरह की सुविधाएं अभी तक दिल्ली और नोएडा जैसे शहरों में ही हैं।
देशी डॉग ज्यादा होते हैं वफादार
नगर निगम के पशु धन अधिकारी कहते हैं कि विदेशी ब्रिड के डॉग से कहीं ज्यादा देशी डॉग मालिक के वफादार होते हैं।
विदेशी ब्रिड के डॉग का लुक डिफरेंट भले हो, पर सुरक्षा और वफादारी के मामले में देशी डॉग का कोई जवाब नहीं है।
एक शोध में पाया गया है कि यदि देशी डॉग को विदेशी डॉग की आधी भी सुविधा व ट्रेनिंग मिल जाय तो वे हर दृष्टि से काफी बेहतर साबित हेंगे।
सड़कों में आवारा घुमने वाले देशी डॉग के घूमने और लोगों पर हमले के वह कुछ प्रमुख कारण भी बताते हैं।
कहते हैं कि आज इन्हें दरवाजे पर कोई एक रोटी भी नहीं देना। हर जगह लोग इन्हें डांट व दुत्तकार कर भगते ही रहते हैं।
ऐसी स्थिति में स्ट्रीट डॉग के अंदर इरीटेशन बढ़ रहा है और वे हमले कर रहे हैं।
यदि इन्हें पकड़ कर पार्क में साफ सुथरा करके ट्रेंड कर दिया जएगा निश्चित रूप से इनकी तरफ लोगों का रुझान बढ़ेगा।
पार्क में सर्जरी की भी होगी सुविधा
धोबी घाट पर बनाए जा रहे इस डॉग पार्क में सर्जरी की भी सुविधा होगी। लोग अपने डॉग की यहां पर सर्जरी तक करा सकेंगे। इसके लिए यहां अच्छे पशु डॉक्टरों को रखा जाएगा। अन्य रोगों का भी लोग यहां पर अपने डॉग का इलाज करा सकेंगे। इसके लिए भी एक नार्मल फीस निर्धारित की जाएगी। जबकि स्ट्रीट डॉग को पकड़ कर यहां उनका फ्री में इलाज किया जाएगा।
डॉ। विजय अमृत राज
पशुधन अधिकारी नगर निगम