लक्ष्मी टाकीज चौराहे की जहरीली है हवा!
- पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट में सामने आया सच
- दिसंबर और जनवरी में निचले स्तर पर रही एयर क्वालिटी - चौराहे पर अधिक समय बिताने पर हो सकती है सांस की समस्या शायद आपको अंदाजा नहीं होगा लेकिन सिटी के लक्ष्मी टाकीज चौराहे की एयर क्वालिटी सबसे ज्यादा खराब है। पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की दिसंबर और जनवरी की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। दोनों महीनों में यहां के हवा के स्तर को निचली श्रेणी में रखा गया है और लोगों को अधिक समय तक यहां नहीं ठहरने की हिदायत भी दी गई है। इसके अलावा शहर के बाकी चौराहों की एयर क्वालिटी को भी संतोषजनक नहीं कहा जा सकता है। तीन सौ के पार है मानक शहर के पांच चौराहों पर एयर पाल्यूशन मापने की मशीन लगाई गई है।इनमें से लक्ष्मी टाकीज चौराहे की एयर क्वालिटी का स्तर पुवर यानी निचली श्रेणी में रखा गया है।
जनवरी माह में इस चौराहे पर औसतन पीएम टेन मानक 323 रहा। मतलब हवा में धूल और मिट्टी के कणों की मौजूदगी सामान्य स्तर से तीन गुना अधिक मिली है। यही कारण है कि एयर क्वालिटी 273 स्तर पर रही है।बाकी चौराहों में अशोक नगर, अलोपीबाग, जानसेनगंज और रामबाग की स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं रही।
जनवरी से ज्यादा खराब रहा दिसंबर इसी तरह दिसंबर में भी लक्ष्मी टाकीज चौराहे की एयर क्वालिटी का स्तर 297 आंका गया था। यह भी पुवर यानी निचली श्रेणी में रहा। इस महीने में भी पीएम टेन मानक का स्तर तीन गुना से अधिक खराब पाया गया। जिसका औसत 347 रहा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस श्रेणी की एयर क्वालिटी में अधिक देर रहने से लोग सांस लेने में असहज महसूस कर सकते हैं। दिसंबर में हवा का स्तर चौराहा पीएम टेन एयर क्वालिटी लक्ष्मी टाकीज 347 297 अशोक नगर 212 175 अलोपीबाग 176 151 जानसेनगंज 134 123 रामबाग 170 147 जनवरी में हवा का स्तर चौराहा पीएम टेन एयर क्वालिटी लक्ष्मी टाकीज 323 273 अशोक नगर 231 187 अलोपीबाग 161 141जानसेनगंज 130 120
रामबाग 174 150 (बता दें कि 0 से 50 तक नार्मल और 50 से 100 स्तर तक होने पर एयर क्वालिटी को सैटिस्फैक्टरी माना जाता है। इसके बाद एयर क्वालिटी का लेवल डेंजर लेवल की ओर जाने लगता है) दिनभर लगता है जाम लक्ष्मी टॉकीज चौराहे को पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कामर्शियल श्रेणी में रखा है क्योंकि यहां चारो ओर से हैवी ट्रैफिक रहता है। एक ओर से कटरा, दूसरी ओर कचहरी, तीसरी तरफ यूनिवर्सिटी और चौथी ओर ममफोर्डगंज का एरिया है। ऐसे में यहां पर वाहनों का आवागमन सर्वाधिक होता है और पाल्यूशन काफी अधिक हो जाता है। कुछ माह पहले इस चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल लग जाने से भी दिक्कत हो रही है। यहां सौ-सौ सेकंड तक वाहनों के रुकने के दौरान स्टार्ट रहने से भी पाल्यूशन लेवल बढ़ रहा है। खासकर जिन चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगे हैं वहां पर अधिक देर तक वाहन के खड़ा रहने पर इंजन को बंद कर देना चाहिए। इससे हवा में घातक केमिकल नहीं मिक्स होते हैं। हवा का स्तर अधिक खराब होने से सांस की बीमारियां होने का खतरा रहता है।डॉ। आशुतोष गुप्ता, श्वांस रोग विशेषज्ञ