फेक दस्तावेज के सहारे डंपर को दूसरे के नाम ट्रांसफर किए जाने का है आरोपमामले की शिकायत पर नहीं सुने अफसर तो इंसाफ के कोर्ट में गुहार लगाया था पीडि़त फर्जी कागजात के लगाकर एक डंपर दूसरे के नाम ट्रांसफर कर दिया गया. इस फ्राड का आरोप एआरटीओ सहित शुभम द्विवेदी और कुछ अज्ञात कर्मचारियों पर लगा है. आरोपितों के खिलाफ शुक्रवार 22 जुलाई को धूमनगंज थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मुकदमा कोर्ट के आदेश और सुभाषचंद्र करवरिया की तहरीर पर लिखा गया. हालांकि एआरटीओ ने ऐसे किसी मुकदमें या मामले की जानकारी से इंकार किया है.


प्रयागराज (ब्यूरो)। पीडि़त सुभाषचंद्र करवरिया बल्दाऊगंज थाना कर्वी जिला चित्रकूट निवासी योगेंद्र कुमार करवरिया के बेटे हैं। सुभाष का आरोप है कि उसका एक डंपर है। जिसे दो लाख 20 हजार रुपये प्रति माह के किराए पर शुभम द्विवेदी पुत्र सुनील कुमार द्विवेदी निवासी कोटवारन का पुरवा थाना बारा ने लिया था। तहरीर में वह पुलिस को बताया कि कुछ दिनों के बाद शुभम ने उसके द्वारा रखे गए ड्राइवर को वापस भेज दिया। इसके बाद अपना चालक रखकर डंपर को चलवाने लगा। दस नवबर 2021 को वह तय किए गए डंपर के किराए की मांग शुभम से किया। आरोप है कि किराया मांगने पर आरोपित शुभम डंपर को अपना बताते हुए किराया देने से इंकार कर दिया। इस पर उसे शक हुआ और मोबाइल एप पर देखा तो डंपर का रजिस्ट्रेशन शुभम कुमार द्विवेदी के नाम दिखाई दिया। यह देखते ही वह परेशान हो गया। पीडि़त ने बताया कि तीन दिन बाद वह संभागीय परिवहन यानी आरटीओ कार्यालय पहुंचा और मामले की शिकायत किया। अफसरों को बताया कि उसने अपना डंपर किसी को नहीं बेचा और न ही सेल व ट्रांसफर लेटर पर साइन किया है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उस वक्त अफसरों द्वारा जांच कराई गई तो पता चला कि विक्रय पत्र पर सुभाष के फर्जी हस्ताक्षर बनाए गए थे। इस तरह फर्जी दस्तावेज तैयार करके उसके डंपर को शुभम के नाम ट्रांसफर करने का आरोप एआरटीओ समेत व कुछ कर्मचारियों पर लगाया। कहा कि इन लोगों की इस फ्राड में साठ गांठ और संलिप्तता है। आरोपित शुभम के के साथ मिलकर एआरटीओ व विभागीय कुछ कर्मचारियों ने यह फर्जीवाड़ा किया है। पीडि़त ने कहा कि इससे उसे लगभग पांच लाख रुपए की आर्थिक क्षति हुई है। कहा कि वह थाने से लेकर अफसरों तक से शिकायत किया। मगर मामले में अधिकारियों के द्वारा कार्रवाई नहीं की गई। कार्रवाई नहीं होने पर वह इंसाफ व कार्रवाई के लिए कोर्ट की चौखट पर जा पहुंचा। मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत द्वारा प्रकरण में केस दर्ज करके जांच करने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश पर धूमनगंज पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। यह मुकदमा कोर्ट के आदेश पर दर्ज लिखा गया है। प्रकरण की जांच की जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।राजेश कुमार मौर्य, इंस्पेक्टर धूमनगंज


इस तरह का एक मामला कुछ माह पूर्व सामने आया था। जिसमें विभाग के कर्मचारी ने ही मुकदमा दर्ज कराया था। इसके सिवाय कोई मुकदमा दर्ज हुआ है यह बात मेरी जानकारी में नहीं है।राजीव चतुर्वेदी, एआरटीओ प्रयागराज

Posted By: Inextlive