गैंगेस्टर के तहत ममफोर्डगंज स्थित दस करोड़ रुपये के कीमत का मकान कुर्कअवैध कमाई से हुई आय के जरिए खुद के साथ अपने भाई के नाम बनाया था सम्पत्ति शिक्षक भर्ती में नकल कराकर अभ्यर्थियों से अकूत दौलत बटोरने वाले केएल पटेल को तगड़ा झटका लगा है. गैंगेस्टर एक्ट के तहत शहर के ममफोर्डगंज स्थित उसके दो बेशकीमती मकान शुक्रवार को कुर्क किए गए. अफसरों द्वारा इन दोनों मकानों की अनुमानित कीमत दस करोड़ रुपये आंकी गई है. पुलिस के मुताबिक यह दोनों सम्पत्ति शिक्षा माफिया अपराध के रास्ते से अपने व भाई नन्दलाल के नाम से बनाया था. नन्दलाल उसका सगा भाई है और वह केएल पटेल के शिक्षा माफिया गैंग में सेकंड मैन के रूप में जाना जाता था. हालांकि नन्दलाल का नाम दर्ज मुकदमों या गैंगेस्टर की कार्रवाई से बाहर ही रहा. क्योंकि वह कभी खुलकर इन कार्यों में आगे नहीं आया. वर्ष 2020 में केएल पटेल सहित करीब एक दर्जन लोगों के खिलाफ शिवकुटी थाने में गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी.

प्रयागराज ब्यूरो बहरिया थाना क्षेत्र के कपसा गांव का रहने वाला केएल पटेल का पूरा नाम कृष्ण लाल पटेल है। रातों रात करोड़पति बनने की चाहत में देखते ही देखते केएल पटेल शिक्षा माफिया बन बैठा। प्रतियोगी परीक्षाओं में वह अभ्यर्थियों को पास कराने के नाम पर लाखों रुपये की वसूली करने लगा। देखते ही देखते उसके गैंग में मेंबर्स की संख्या के साथ उसका यह काम भी बढ़ा गया। इस गैंग का केएल पटेल खुद सरगना हुआ करता था। गैंग बड़ा हुआ तो वह गुर्गों की मदद से शिक्षक, रेलवे, लेखपाल भर्ती जैसी परीक्षाओं में सेंधमारी का मास्टरमाइंड बन गया। उसके गुनाहों का घड़ा धीरे-धीरे भरा और 69 हजार शिक्षक भर्ती में उसके जरिए किए गए फर्जीवाड़े में केएल पटेल का नाम अचानक सामने आया। शिक्षा माफिया केएल पटेल के चेहरे से पर्दा उठा तो हर शख्स उसकी करतूत को लेकर सोचने पर विवश हो गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह धन व जन बल दोनों का भरपूर इस्तेमाल किया। मगर, उसकी एक भी युक्ति काम नहीं आई।
एसटीएफ ने किया था गिरफ्तार
एसटीएफ और शिवकुटी पुलिस ने जून 2020 में केएल पटेल को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उसी वर्ष उसके विरुद्ध शिवकुटी पुलिस द्वारा गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। गैंगेस्टर एक्ट के तहत दर्ज केस में केएल पटेल संग करीब एक दर्जन नाम शामिल किए गए। पुलिस के मुताबिक इसमें गैंग के सरगना केएल पटेल, संतोष बिन्द, रुद्रपति दुबे, हरिकृष्ण सरोज, कमल पटेल, संजीव, शशि प्रकाश सरोज, धर्मेंद्र सरोज उर्फ आलोक, ललित त्रिपाठी, धर्मेंद्र कुमार पटेल, विनोद यादव, बलवंत कुमार के नाम शामिल रहे। यही वह गुर्गे थे जिनके दम पर शिक्षा एवं भर्ती प्रक्रिया की नीव को धीरे-धीरे खोखला करता। अभ्यर्थियों को भर्ती कराने का ठेका लेता रहा और इसके एवज में दोनों हाथ से नोट बटोरता रहा।

देखते ही देखते बना लाखों का मालिक
अभ्यर्थियों से की गई अवैध कमाई के जरिए केएल पटेल देखते ही देखते अकूत दौलत का मालिक बन गया। इन पैसों से वह जगह-जगह बेशकीमती सम्पत्तियों का मालिक बन गया। वह अपने साथ परिवार के लोगों के नाम भी सम्पत्तियां खरीदने लगा। शहर के ममफोर्डगंज में वह दो आलीशान मकान बनाया। यह मकान केएल पटेल अपने व भाई नन्दलाल के नाम पर बनाया था। यह बात जांच में पुलिस को मालूम चली तो गैंगेस्टर के तहत कार्रवाई के लिए फाइल डीएम कोर्ट में भेज दी गई। प्रकरण की गंभीरता व उसके गैंग की लिस्ट को देखते हुए डीएम द्वारा केएल पटेल के जरिए बनाई गई सम्पत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया। डीएम के इसी आदेश के तहत शुक्रवार को एसपी सिटी संतोष कुमार मीना, सीओ कर्नलगंज राजेश यादव, एसओ शिवकुटी मनीष त्रिपाठी द्वारा केएल पटेल की मम्फोर्डगंज स्थित दोनों मकानों को कुर्क कर लिया। कुर्क से पहले यहां बाकायदे मुनादी कराई गई।


शिक्षा माफिया केएल पटेल खुद के साथ अवैध कमाई से अपने भाई के नाम भी सम्पत्ति बना रखा था। गैंगेस्टर एक्ट के तहत उसके दो मकानों को कुर्क किया गया है। अभी केएल पटेल की और सम्पत्तियों को सर्च किया जा रहा है। जल्द ही उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
संतोष कुमार मीना, एसपी सिटी

Posted By: Inextlive