दूसरे दिन भी लाखों ने लगायी संगम में डुबकी
प्रयागराज (ब्यूरो)। मकर संक्रांति पर पावन त्रिवेणी की धारा के अलावा गंगा के रामघाट, दारागंज, अक्षयवट, गंगोली शिवाला व फाफामऊ घाट पर भोर में शुरू हुआ स्नान-दान का सिलसिला दिनभर चला। शाम तक चार लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। त्रिविधि ताप-पाप नाशिनी त्रिवेणी (संगम) के आंचल में उत्साहित नजर आए। त्रिवेणी में डुबकी लगाकर निकलने वालों ने सूर्यदेव को अघ्र्य देकर सकल सिद्धि की कामना की। संगम तीरे आस्था की ऊर्जा हर किसी को ओतप्रोत करती नजर आई। तीर्थपुरोहितों को खिचड़ी, काला तिल, गुड़, कंबल आदि का दान कर आशीष लिया। सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध दिखा। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी, पीएसी के जवान व घुड़सवार पुलिस बल लगातार भ्रमण करते रहे। जल पुलिस नाव पर मुस्तैद रही।सूर्योदय के बाद बढ़ी भीड़
सूर्योदय के बाद स्नानार्थियों की संख्या बढ़ती गई। 14 जनवरी की रात 8.49 बजे सूर्यदेव का धनु से मकर राशि में प्रवेश हुआ। इसके साथ सूर्यदेव के उत्तरायण हो गए हैं। इस दौरान हर-हर गंगे के उद्घोष के बीच संगम व अन्य घाटों पर डुबकियां लगने लगीं। बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली सहित तमाम प्रदेशों से आए श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाकर दान-पुण्य किया। मकर संक्रांति के साथ माघ मेला क्षेत्र संतों व श्रद्धालुओं से आबाद हो गया है। सैकड़ों गृहस्थों ने पूर्वजों को नमन कर कल्पवास शुरू कर दिया। वैसे ज्यादातर कल्पवासी पौष पूर्णिमा (17 जनवरी) तक आएंंगे।मेला क्षेत्र में कोरोना को लेकर सतर्कतामेला के 16 प्रवेश द्वार हैं। हर द्वार पर श्रद्धालुओं की थर्मल स्कैङ्क्षनग हो रही है।महिलाओं के कपड़ा बदलने की दो केबिन के बीच एक कोविड हेल्प डेस्क है। पूरे मेला क्षेत्र में 80 कोविड हेल्प डेस्क बनी है। इसके जरिए मास्क का वितरण किया जा रहा है।20-20 बेड के अस्पताल गंगा व त्रिवेणी में कोविड की जांच व मरीजों का इलाज हो रहा है। इसके अलावा दर्जनभर स्थानों पर कोविड जांच हो रही है।
मकर संक्रांति स्नान पर्व बिना किसी विघ्न के पूरा हो गया। लाखों श्रद्धालुओं ने संगम व गंगा में स्नान किया। मेला क्षेत्र में कोविड-19 नियम का पालन कराया गया। श्रद्धालुओं को मास्क का वितरण करने के साथ थर्मल स्कैङ्क्षनग करवाई गई।शेषमणि पांडेय, मेलाधिकारी