किट का अभाव, आरटीपीसीआर जांच पर ब्रेक
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प्राइवेट जांच लैब ने खड़े किए हाथ, बोले नही है किट कई जगह वेटिंग, रिपोर्ट मिलने में हो रही है देर एमएलएन मेडिकल कॉलेज में भी देरी से मिल रही है रिपोर्ट शहर की प्राइवेट जांच लैब्स ने किट उपलब्ध नहीं होने से कोरोना की आरटीपीसीआर जांच करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि पहले से हमारे पास लोगों की लंबी लाइन लगी हुई है। अगर किट आई तो पहले उनकी जांच होगी और इसके बाद दूसरे का नंबर लगेगा। ऐसे में जिन लोगों को जांच करानी है वह जेब में पैसे लेकर दर दर भटकने को मजबूर हैं। बावजूद इसके उनका सैंपल नही लिया जा रहा है। रोजाना हो रही सैकड़ों जांचस्वास्थ्य विभाग ने शहर में लाल पैथोलाजी, पैथकाइंड और एसआरएल को आरटीपीसीआर जांच करने की परमिशन दी है। लेकिन वर्तमान में यह हालात यह है कि इनके पास जांच करने के लिए किट नही बची है। रोजाना 600 से 700 सैंपल आने की वजह से इनके पास किट की शार्टेज हो गई है। इनमें से पैथकाइंड का कहना है कि उनके पास 150 की बुकिंग पहले से मौजूद है। किट आई तो पहले उनका नंबर लगेगा। इसके बाद दूसरों की सुनवाई की जाएगी। बाकी दोनो लैब भी सैंपल लेने के लिए किट आने का इंतजार कर रही हैं।
एंटीजन जांच पर नहीं है भरोसा बता दें कि सरकार अपने सेंटर्स पर फ्री आफ कास्ट एंटीजन किट से जांच करा रही है लेकिन सैकड़ों लेाग ऐसे हैं जिन्हें इस जांच पर भरोसा नही है। वह आरटीपीसीआर जांच कराना चाहते हैं। लेकिन सरकारी लैब में आसानी से जांच नही होने से यह लोग सीधे प्राइवेट में सैंपल दे रहे हैं। इनका पता है कि सरकार द्वारा निर्धारित 1100 रुपए खर्च करने के बाद आसानी से उनकी जांच हो जाएगी और रिपोर्ट भी 48 घंटे में मिलेगी। लेकिन संक्रमितों का अंाकड़ा बढ़ जाने से प्राइवेट लैब भी मजबूर हो गई हैं। यहां पांच से छह दिन में आएगी रिपोर्ट उधर, एमएलएन मेडिकल कॉलेज की लैब में अधिक लोड बढ़ जाने से यहां पर जांच रिपोर्ट मिलने में देरी हो रही है। मरीजों को पांच से छह दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। सरकार का आदेश है कि मरीजों की 70 फीसदी तक आरटीपीसीआर जांच की जाए। ऐसे में रिपोर्ट आने में देर हो रही है। यही कारण है कि लोग प्राइवेट में जाचं कराना पसंद कर रहे हैं जबकि सरकारी में यह जांच निशुल्क की जा रही है।जांच रिपोर्ट में होता है फर्जीवाड़ा
सरकार चाहकर भी दूसरी प्राइवेट लैब को आरटीपीसीआर जांच की परमिशन नही दे रही है। शुरुआत में जांच रिपोर्ट फर्जी तरीके से जारी करने के मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में सरकार उन्ही लैब को परमिशन दे रही है जो बेहतर रिजल्ट दे रही हैं। यही कारण है कि प्रयागराज में भ अभी तक प्राइवेट लैब की संख्या नही बढ़ाई गई है। जांच का अधिक लोड बढ़ने से यह स्थिति उत्पन्न हो रही है। प्राइवेट लैब्स से बात की जा रही है। उम्मीद है कि जलद ही समस्या हल हो जाएगी। डॉ। ऋषि सहाय नोडल कोविड 19 प्रयागराज