आस्था व संस्कृति का प्रतीक है कुंभ
प्रयागराज ब्यूरो ।मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में तीन दिवसीय कुंभ कान्क्लेव की शुरुआत हुई। इस आयोजन में आध्यात्मिक विचारों का भी संगम हुआ, जिसमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और परमार्थ निकेतन हरिद्वार के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि ने दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी ऑनलाइन जुड़े.मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।सनातन परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा
पूर्व राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि कुंभ आस्था, संस्कृति और आध्यात्म का संगम है। कहा कि कुंभ सनातन परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो आत्मशुद्धि का अवसर प्रदान करता है। नायडू ने विश्वास जताया कि कुंभ कान्क्लेव में विद्वान वर्तमान समय की चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा करेंगे। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की, जो महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने के प्रयास कर रहे हैं।कुंभ को समझने की जरूरत
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि कुंभ भारतीय संस्कृति का महापर्व है, जो ज्ञान और प्रज्ञा के संवर्धन का प्रतीक है.उन्होंने भारतीय संस्कृति को ज्ञान से जोड़ा और कहा कि यह संस्कृति दुनिया के लिए प्रेरणास्त्रोत रही है। स्वामी चिदानंद मुनि ने कहा कि कुंभ दर्शन है, प्रदर्शन नहीं। कहा कि कुंभ की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं, बल्कि सभी नागरिकों की है। उन्होंने कुंभ के आयोजन में स्वच्छता पर जोर देते हुए कहा कि हमारी संस्कृति यूज एंड ग्रो की है,यूज एंड थ्रो की नहीं। उन्होंने कुंभ के दौरान वायु और ध्वनि प्रदूषण को भी एक बड़ी समस्या बताया और इसे रोकने के लिए समुचित उपायों की आवश्यकता जताई।