दान और जप का जानिए विधान
प्रयागराज (ब्यूरो)। इसी लिए मौनी अमावस्या पर बगैर किसी से कुछ बोले आराध्य देव का जाप करते हुए संगम या गंगा स्नान का श्रद्धालुओं को विशेष पुण्य अर्जित होता है। ऐसा करने वाले जातक को तमाम तरह के कष्ट और पापों को ईश्वर नष्ट कर देते हैं। ज्योतिषाचार्य आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी कहते हैं कि मौनी अमावस्या स्नान के बाद पीपल के वृक्ष का पूजन, तिल के लड्डू, तिल या तिल का तेल, वस्त्र, आंवला आदि का दान करने से ईश्वर प्रसन्न होते होते हैं। ऐसा करने वालों की मनोकामना भगवान पूर्ण करते हैं।