जोश में दिखे केशव-नंदी के समर्थक, सिद्धार्थ के समर्थक निराश
प्रयागराज (ब्यूरो)। कुल तीसरी बाद यूपी की सरकार में कैबिनेट मिनिस्ट बनने वाले शहर दक्षिणी के विधायक नंद गोपाल गुप्ता का जीवन संघर्ष से भरा रहा है। बहादुरगंज मुहल्ले में 23 अप्रैल 1974 को जन्मे नंदी के पिता सुरेश चंद्र डाक विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। मां विमला देवी घर में सिलाई, बुनाई करती थीं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उनकी पढ़ाई हाईस्कूल तक ही हो सकी। वह बचपन में पटाखा, रंग-गुलाल की दुकान लगाते थे। 1992 में मिठाई की दुकान शुरू की। 1994 में एक रिश्तेदार के साथ मिलकर ईट भट्टे का भी कारोबार किया। आर्थिक रूप से सुदृढ़ होने पर नंदी ग्रुप आफ कंपनीज बनाई और अब बिजनेस में भी अपनी पहचान बना चुके हैं। उनकी पत्नी अभिलाषा गुप्ता वर्तमान में प्रयागराज की महापौर हैं। शपथ ग्रहण के बाद नंदी ने शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया। कहा कि उन्हें जो काम और जिम्मेदारी दी गई उसे उन्होंने सौ प्रतिशत पूरा करने का प्रयास किया।
क्यों नहीं मिला सिद्धार्थ को पद
एक तरफ भाजपाई नंदी को मंत्री बनाने का जश्न मना रहे थे तो दूसरी तरफ सिद्धार्थ नाथ सिंह को योगी कैबिनेट पार्ट टू में जगह न मिलने को लेकर भी चर्चा गरम रही। श्री सिंह पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाती हैं। इस परिवार से वह पहले सदस्य थे जिसे प्रदेश के मंत्रीमंडल में 2017 में जगह मिली थी। इसके पहले वह दिल्ली की राजनीति में सक्रिय थे। इससे उनका कद बड़ा माना जा रहा था। 2017 में उन्हें सीएम तक का चेहरा बताया जा रहा था। वह खुद को प्रधानमंत्री का एक्सपेरीमेंटल ब्वॉय बताते रहे। इसके बाद भी उन्हें कैबिनेट में जगह क्यों नहीं मिली? इसके लेकर कई तरह की चर्चा रही। इसमें एक चर्चा सीएम की सभा के दौरान मंच पर अपराधी बच्चा पासी के करीबी का देखा जाना भी है। सूत्रों का कहना है कि इसकी जांच भी चल रही है। इसके अलावा उनका सपा प्रत्याशी से कम वोट के अंतर से जीत, पार्टी वर्कर्स से दूरी और प्रतिनिधियों का व्यवहार भी चर्चा में रहा।
मंदिरों में हुई पूजा, देखा लाइव टेलीकास्ट
शुक्रवार की सुबह भाजपाइयों ने जिले भर के मंदिरों में पूजा अर्चना की। इसके बाद कुछ लखनऊ के लिए भी रवाना हुए। सोमेश्वर महादेव मंदिर में भाजपा एनजीओ प्रकोष्ठ के रजनीकांत भी शामिल हुए। शहर के सभी शक्ति केंद्रों में पूजा अर्चना की गई। इसमें आचार्य दिनेश उपाध्याय, हिंदू युवा वाहिनी के महानगर अध्यक्ष मोनू गुप्ता, प्रांजल केसरवानी, सुरेश वर्मा, अंकित साहू, राजेश विश्वकर्मा, दवा व्यापारी पवन गुप्ता आदि शामिल रहे।
केशव प्रसाद मौर्य मूलरूप से भले ही कौशांबी जिले के हों लेकिन उनका आवास अशोक नगर में भी है। वह जिले की राजनीति में भी सक्रिय हैं। पूर्व में भाजपा ने उन्हें संगठन की जिम्मेदारी सौंपी थी। उनका नाम सबसे पहले विश्व हिंदू परिषद के संस्थापक अशोक सिंघल के साथ जुड़ा था। वह संघ से भी जुड़े रहे। इसके अलावा भाजपा के तमाम अनुसांगिक संगठनों में भी विभिन्न पदों पर जिम्मेदारी निभायी। वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी 2017 में सरकार बनने के पहले निभा चुके थे। चर्चा रही कि उनके कुशल नेतृत्व क्षमता को देखते हुए ही योगी सरकार में फिर से डिप्टी सीएम का ओहदा मिला है। विधानसभा चुनाव में सिराथू सीट पर हार मिलने के बाद उनके समर्थकों में थोड़ी निराशा जरूर थी लेकिन आज उनके फिर से डिप्टी सीएम के रूप में शपथ लेने से समर्थकों का जोश बढ़ गया।