प्यार का बल्ब जलाए रहिए, बस फ्यूज होने से बचाए रहिए
प्रयागराज (ब्यूरो)। आपको देखकर कुछ हुआ यूं असर, आंख के सारे सपने महकने लगे, धड़कनों में घुली एक आवारगी, और हम बिन पिए ही बहकने लगे। मध्य प्रदेश से पधारे शशिकांत यादव ने ज्ञानवापी का जो सच आप यूं नकारेंगे तो, करोड़ों दिलों की दिल्ली जीत नहीं पाओगेइसके बाद संचालन कर रही प्रख्यात कवियत्री आभा श्रीवास्तव ने अपनी पंक्तियों से श्रोताओं का मन मोह लिया, आपके आईने में अगर मैं नहीं, आप चेहरे से अपने मुकर जाइए, रायबरेली से पधारे हास्य कवि नर कंकाल ने श्रोताओं को भरपूर हंसाया। प्यार का बल्ब जलाए रहिए, बस फ्यूज होने से बचाए रहिए हास्य के प्रख्यात रचनाकार भाई अखिलेश द्विवेदी ने हम अपना दर्द बांटे या ना बांटे, पर हंसी बांट सुनाया। अध्यक्षता कर रहे हास्य की वरिष्ठ रचनाकार भाई अशोक सिंह बेशर्म ने भरपूर गुदगुदाया। वोट के लीड के खातिर,वोट के लीड के खातिर ,
ये अक्सर आज के लीडर ,फसांदो से सियासत का कनेक्शन जोड़ देते हैं, सियासी लोग जनता की उम्मीदें तोड़ देते हैं ,मुकर जाते है वादों से, शराफत छोड़ देते हैं।