- इस बार बन रहा अद्भुत संयोग संत और गृहस्थ एक साथ मनाएंगे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव

- इस्कॉन मंदिर में 108 चांदी कलश से होगा भगवान का महाभिषेक

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PRAYAGRAJ: सोलह कलाओं में दक्ष भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की तैयारियां पूरी हो गई है। सालों बाद पहली बार एक ही दिन संत और गृहस्थ दोनों एक ही दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे। भाद्रपद की अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, हर्षण योग व कौलव करण के संयोग में सोमवार की मध्यरात्रि भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। भगवान के जन्मोत्सव को लेकर संडे को पूरे दिन मंदिरों से लेकर घरों तक तैयारियां चलती रही। इस मौके पर सादगी से ही सही मंदिरों में भगवान का विशेष श्रृंगार होगा।

भगवान को लगेगा 56 भोग

इस्कॉन मंदिर में भी विशेष तैयारी पूरी हो चुकी है। मंदिर के सचिव दीनदयाल के अनुसार भगवान को पहनाने के लिए वृंदावन से विशेष पोशाक मंगाई गई है। सोमवार की रात 11 बजे भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा का महाभिषेक शुरू होगा। चांदी के 108 कलशों में 21 प्रकार के द्रव्य से भगवान का अभिषेक किया जाएगा। अभिषेक के बाद 56 भोग अर्पित करके रात 12 बजे महाआरती की जाएगी। हालांकि कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार भी मंदिर परिसर में भक्तों का प्रवेश नहीं होगा। हालांकि सोसल मीडिया के जरिए पूरे आयोजन का सजीव प्रसारण किया जाएगा। जिससे भक्त घर बैठकर ही भगवान का दिव्य दर्शन प्राप्त कर सकेगे। श्रीराधा रमण जी महाराज मंदिर के शरद गोस्वामी ने बताया कि सोमवार को श्रीकृष्ण का प्राकट्य उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके बाद चार सितंबर तक नियमित कार्यक्रम चलेगा.मां कल्याणी देवी मंदिर स्थित राधा-कृष्ण का विशेष श्रृंगार किया जाएगा। श्याम जी पाठक ने बताया कि पांच वैदिक कर्मकांडी ब्राह्माण मंत्रोच्चार के बीच भगवान का प्राकट्य कराएंगे। लूकरगंज स्थित श्रीकृष्ण भवन मे भी सोमवार को शाम साढ़े 7 बजे भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। जिसमे भगवान श्रीकृष्ण की बाल रूपी लीलाओं का आकर्षक झाकियां एवं प्राचीन मुकुट एवं मूर्ति और आधुनिक सजावट की प्रस्तुति होगी।

छह दिवसीय कार्यक्रम आज से

श्रीकटरा रामलीला कमेटी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व के तहत छह दिवसीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन करेगी। कमेटी के अध्यक्ष सुधीर गुप्त 'कक्कू' के अनुसार सोमवार को श्रीकृष्ण का प्राकट्य उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। ख्यातिलब्ध कलाकार ध्वनि-प्रकाश के माध्यम से श्रीकृष्ण के प्राकट्य से लेकर उनकी समस्त लीलाओं का प्रदर्शन करेंगे। स्वचलित झांकियां आकर्षण का केंद्र रहेंगी। इसके बाद चार सितंबर तक नियमित धार्मिक कार्यक्रम होंगे। चार सितंबर को भगवान का छठी उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कमेटी के मीडिया प्रभारी लल्लू लाल गुप्ता सौरभ ने बताया कि इस मौके पर उत्तर प्रदेश की लोक संस्कृति की धरोहर कजरी, बिरहा, आल्हा और नौटंकी आदि का आयोजन होगा।

कृष्ण जन्माष्टमी 2021 : तिथि और शुभ मुहूर्त

दिनांक : 30 अगस्त, सोमवार

शुभ तिथि शुरू : 11:25 सायं, 29 अगस्त, 2021

शुभ तिथि समाप्त : 01:59 रात्रि:, 31 अगस्त, 2021

मध्य रात्रि क्षण : 12:22 रात्रि, 31 अगस्त

चंद्रोदय क्षण : 11:35 सायं

कृष्ण दशमी रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ : 30 अगस्त 2021 को प्रात: 06:39

रोहिणी नक्षत्र समाप्त : 31 अगस्त, 2021 को प्रात: 09:44

दही हांडी मंगलवार, अगस्त 31, 2021

कृष्ण जन्माष्टमी 2021 : निशिता पूजा मुहूर्त-

ज्योतिषचार्य विजय मेहरोत्रा ने बताया कि कृष्ण पूजा करने का समय निशिता काल के दौरान होता है जो वैदिक समय के अनुसार मध्यरात्रि है। शुभ मुहूर्त 11:59 बजे से शुरू होगा और 12:44 रात्रि, 31 अगस्त, 2021 तक जारी रहेगा।

Posted By: Inextlive