ढाई साल बाद समझ में आया 'दिशा दोष'
तीन साल पहले हुआ था श्मशानघाट का निर्माण, आज तक एक भी शव का नहीं हो सका अंतिम संस्कार
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रविवार को आयोजित वेबिनार में स्थानीय पार्षद ने उठाया था मुद्दा सोमवार को मेयर ने किया निरीक्षण, गलत दिशा में बने प्लेटफार्म को सुधारने का दिया निर्देशधूमनगंज स्थित कंधईपुर श्मशानघाट को बने तीन साल से भी अधिक दिन हो गये, पर आज तक उस घाट पर एक भी बॉडी का अंतिम संस्कार नहीं किया गया। क्योंकि शव जलाने के गलत दिशा में प्लेटफार्म का निर्माण किया गया था। जिसकी वजह से लोग शव जलाने के लिये कतराने लगे और वहां से हटकर कुछ दूर पर अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया। इस मुद्दे को स्थानीय पार्षद दीपक कुशवाहा की ओर से दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से रविवार को आयोजित वेबिनार में उठाया गया था, उस दौरान मेयर अभिलाषा गुप्ता नंदी ने इस समस्या का हल निकालने का भरोसा दिया था। उसी के तहत सोमवार को महापौर पूरी टीम के साथ कंधईपुर श्मशानघाट पहुंचीं और निरीक्षण करने के बाद प्लेटफार्म की दिशा सही करने के साथ अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का निर्देश दिया।
2018 में हुआ था श्मशान घाट का निर्माणनमामि गंगे योजना के तहत ईआईएल कंपनी द्वारा 2018 में कंधईपुर में शव जलाने के लिये श्मशानघाट का निर्माण कराया गया था।
शव को नहलाने और जलाने के लिये चबूतरे का निर्माण, ध्यान केंद्र, शौचालय, पेयजल, सोलर लाइट, बाउंड्रीवाल आदि का निर्माण कराया गया। श्मशानघाट पर शव जलाने का संचालन शुरू हुआ पर लोगों ने वहां शव नहीं जलाया, जिस कारण आज तक एक भी शव का अंतिम संस्कार नहीं हो सका। पूरब-पश्चिम बना है प्लेटफार्म क्षेत्रीय पार्षद दीपक कुशवाहा ने बताया कि दरअसल कंधईपुर श्मशानघाट पर गंगा उत्तर दिशा की ओर बह रही हैं और हिन्दु रीतिरिवाज के अनुसार गंगा की ओर अंतिम संस्कार के समय शव का सिर उत्तर और दक्षिण दिशा की ओर शव का पैर होना चाहिये, तभी शव जलाया जायेगा। लेकिन यहां जो प्लेटफार्म बनाया गया है वह पूरब और पश्चिम दिशा में है। जिस कारण लोग यहां शव लेकर आते जरूर है पर निíमत प्लेटफार्म पर अंतिम संस्कार नहीं करते। यहां से हटकर कुछ दूर पर शव जलाना शुरू कर दिया जो यथावत बनी है। शुक्रिया दैनिक जागरण आई नेक्स्टदैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पहल का असर है कि आज मेरा प्रयास सफल होने की ओर है, मुझे उम्मीद है कि कंधईपुर श्मशानघाट पर अंतिम संस्कार की क्रिया नये प्लेटफार्म के निर्माण के बाद शुरू हो जायेगी। उक्त बाते हरवारा वार्ड नंबर 6 के पार्षद दीपक कुशवाहा ने सोमवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से कही। उन्होंने बताया कि रविवार को आयोजित वेबिनार में उठाये मुद्दे को महापौर ने गंभीरता से लेते हुए सोमवार को इस श्मशानघाट का निरीक्षण किया और साथ में मौजूद अधिशासी अभियंता एके सिंह को उचित प्लेटफार्म का निर्माण और अन्य व्यवस्थाओं को सुधारने का निर्देश दिया।
विद्युत शवदाह गृहों के लिये खोजी जा रही जमीन अरैल, महेवा, झूंसी, फाफामऊ, कंधईपुर, करेलाबाग घाट पर विद्युत शवदाह गृहों के निर्माण के लिये नगर निगम ने जमीन तलाशना शुरू कर दिया है, ताकि जल्द से जल्द उक्त स्थानों पर विद्युत शवदाह गृह का निर्माण हो सके। बताते है कि कंधईपुर श्मशानघाट के पास जमीन खोज ली गयी थी, लेकिन इसमें पेच फंस गया। बताया गया कि बाढ़ के दौरान यह इलाका पानी में डूब जाता है। ऐसे में यहां निर्माण नहीं हो सकता। पड़ताल के बाद उक्त जमीन पर निर्माण कराये जाने की योजना रद कर दी गयी। दूसरी ओर झूंसी के छतनागघाट पर इंटरलाकिंग रोड से उत्तर की तरफ एक स्थान चिहिन्त कर लिया गया है। दारागंज-छतनाग घाट पर नहीं दफनाये गये शवमहापौर ने दारागंज और छतनाग घाट का भी निरीक्षण किया। इस दौरान पाया गया कि दारागंज घाट पर आम दिनों की भांति शव जलाने की प्रक्रिया हो रही है, लेकिन एक भी शव दफनाया नहीं गया। इसी तरह छतनागघाट पर भी पुलिस तैनात होने के कारण यहां भी दस दिनों से एक भी शव दफनाया नहीं गया। निरीक्षण के दौरान पार्षद अमरजीत सिंह, राजेश निषाद, अनूप मिश्रा नामित पार्षद, जोनल अधिकारी संजय ममगई, मदन गोपाल, अधिशासी अभियंता अनिल मौर्य, एसएन पांडये, राजवीर सिंह, अवर अभियंता, वन्दना सफाई निरीक्षक, महापौर सचिव मनोज श्रीवास्तव, गौरव मिश्रा, हर्ष केसरी, विवेक साहू, ऋषभ श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।