थाने से हॉस्पिटल तक जांच की न्यायिक आयोग की टीम
प्रयागराज ब्यूरो । मौजूद रहे एसआइटी के अधिकारियों, फोरेंसिक टीम और पुलिस के जवान व अफसर
क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: न्यायिक आयोग की पांच सदस्यीय टीम अतीक अहमद और अशरफ मर्डर केस की जांच में शुक्रवार दोपहर दूसरी बार यहां पहुंची। धूमनगंज थाने से लेकर काल्विन हॉस्पिटल टीम के द्वारा गहन छानबीन की गई। टीम के द्वारा उन पुलिस कर्मियों से भी बात की गई जो घटना के वक्त 15 अप्रैल को मौजूद रहे। मामले के विवेचक धूमनगंज थाना प्रभारी सहित उन पुलिस कर्मियों के बयान भी लिया गया। हॉस्पिटल के गेट से मौका-ए-वारदात स्थल तक की फीता लगाकर टीम के द्वारा नाप की गई। मशीन के जरिए एमएनएआइटी के द्वारा मैङ्क्षपग का भी काम किया गया। इस दौरान जिले के तमाम पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।
पंद्रह अप्रैल को हुई थी घटना
काल्विन हॉस्पिटल गेट पर 15 अप्रैल की रात धूमनगंज पुलिस अतीक और अशरफ को लेकर मेडिकल के लिए काल्विन अस्पताल गेट पर पहुंची थी। इसी बीच गेट पर ही मीडिया कर्मी बनकर पहुंचे तीन शूटरों ने विदेशी पिस्टल से अतीक और अशरफ को गोलियों से भून दिया था। शूटरों के द्वारा बरसाई गई गोली हाथ में लगने से कांस्टेबल मानङ्क्षसह भी जख्मी हो गया था। खुलेआम पुलिस अभिरक्षा में अतीक और अशरफ की हत्या से पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई। जांच के लिए प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायमूर्ति अरङ्क्षवद कुमार त्रिपाठी द्वितीय की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया है। न्यायिक आयोग ने 20 अप्रैल को घटनास्थल काल्विन अस्पताल आकर जांच के लिए पहुंची थी। टीम के द्वारा दर्ज मुकदमें की कापी और एसआइटी से घटना का विवरण लिया था। इसी दौरान न्यायिक आयोग में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस दिलीप बाबा साहेब भोसले और पूर्व चीफ जस्टिस अरङ्क्षवद ङ्क्षसह भी शामिल कर दिए गए। बताते चलें कि शुक्रवार को पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग की यह टीम दोबारा जांच के लिए धूमनगंज थाना से लेकर काल्विन हॉस्पिटल पहुंची। टीम के द्वारा उन रास्तों का भी मुआयना किया गया जिधर से पुलिस अतीक और अशरफ को लेकर ऑस्पिटल पहुंची थी।
घटना का क्राइम सीन समझी टीम
हॉस्पिटल पहुंची न्यायिक आयोग की टीम गेट पर क्राइम सीन को अच्छी तरह से समझने की कोशिश की।
धूमनगंज थाने की जीप अस्पताल के गेट पर रुकी। थाना प्रभारी राजेश कुमार मौर्या ने बताया कि कैसे जीप से अतीक और अशरफ को उतारा गया।
फिर कुछ कदम पैदल आगे जाने के बाद गेट के पास किस तरह से मीडिया कर्मियों की भीड़ में शामिल शूटरों ने अचानक पुलिस कस्टडी में अतीक और अशरफ पर गोलियां बरसा दी थीं।
घटनाक्रम की जांच करने वाली एसआइटी (विशेष जांच दल) के अधिकारियों अपर पुलिस आयुक्त अपराध सतीशचंद्र, एसीपी सत्येंद्र तिवारी और इंस्पेक्टर ओमप्रकाश से भी ब्योरा लिया।
पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आकाश कुलहरि, डीएम संजय कुमार खत्री भी टीम के साथ रहे।
जांच टीम ने जमीन पर घायल पड़े अतीक-अशरफ को उठाकर अंदर इमरजेंसी वार्ड में ले जाने का भी पूरा सीन जाना।
वार्ड में जाकर डाक्टरों से जानकारी ली। फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल के बारे में टीम को बारीक विवरण दिया।