जेई, एसडीओ पर हमला, दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
प्रयागराज ब्यूरो । जयंतीपुर में गुरुवार को बिजली विभाग के जेई और एसडीओ को घेरकर पिटाई के बाद जलाने की कोशिश की गई। लाठी डंडों से लैस महिलाओं समेत लोगों ने दोनों को घेर लिया। दोनों अफसर जयंतीपुर में कटिया हटवाने गए थे। भारी भीड़ देख दोनों सकते में आ गए। दोनों अपनी जान बचाने के लिए भीड़ से मिन्नत करने लगे। दोनों के साथ गाली गलौच और मारपीट की गई। मौका पाकर साथ गए लाइन मैन भाग निकले। एक लाइनमैन ने पुलिस को सूचना दी। समय रहते पुलिस पहुंच गई। इसके बाद दोनों की जान बच सकी। पुलिस को देख लोग भाग निकले। इसके बाद पुलिस दोनों को बचाकर लाई। जेई की तहरीर पर दो लोगों को नामजद करते हुए कई अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
पटेल बस्ती में करीब डेढ सौ घर
जयंतीपुर मोहल्ले में करीब डेढ़ सौ घर की पटेल बस्ती है। जहां पर बड़े पैमाने पर लोगों का बिजली का बिल बकाया है। वहां के लोग बिजली का बिल बचाने के चक्कर में कटिया भी लगाते हैं। जिसकी जानकारी होने पर बमरौली उपकेंद्र पर तैनात एसडीओ धर्मेंद्र मौर्य और जेई बृजेश यादव टीम के साथ जयंतीपुर गए थे। जैसे ही टीम वहां पहुंची मोहल्ले के लोग बाहर निकल आए। जेई बृजेश यादव ने बताया कि जालंधर पटेल और शम्भू पटेल के कहने पर लोगों ने लाठी डंडे से होकर टीम को घेर लिया। भीड़ में शामिल लोग एसडीओ और जेई को रस्सी से बांधकर जलाने की बात कहने लगे। इस बीच लोगों ने दोनों से मारपीट शुरू कर दी। साथ गए लाइन मैन मौका पाकर भाग निकले। एक लाइन मैन ने पुलिस को फोन किया।
घटना से जेई बृजेश यादव बेहद सदमे में आ गए। बृजेश यादव ने बताया कि जब भीड़ आई तो लगा कि मौत सामने आ गई है। लोगों के साथ महिलाएं और बच्चे भी भीड़ में शामिल थे। भीड़ ने टीम को चारों तरफ से घेर लिया। बच कर निकलने का कोई मौका नहीं था। किसी तरह से लाइन मैन भाग पाए। जेई बृजेश ने बताया कि अगर लाइन मैन ने पुलिस को सूचना न दी होती तो उन दोनों की जान चली जाती।
पहले भी हो चुका है हमला
जेई बृजेश यादव ने बताया कि पिछले वर्ष जून में भी बिजली विभाग की टीम लेकर वह जयंतीपुर मोहल्ले में गए थे। उस दौरान भी वहां के लोगों ने टीम पर हमला किया था। टीम को बंधक बनाने की कोशिश की थी। टीम से मारपीट की गई थी। मामले में उस समय पर भी मुकदमा दर्ज कराया गया था।
जेई बृजेश यादव ने बताया कि जयंतीपुर मोहल्ले के सैकड़ों लोगों का बिजली का बिल बकाया है। वहां के लोग बिजली का बिल नहीं जमा करते हैं। एक एक बिजली उपभोक्ता पर एक लाख रुपये से लेकर चार लाख तक का बिजली का बिल हो गया है। लोग बिजली का बिल जमा नहीं करते बल्कि वसूली न होने पर कार्रवाई के लिए जाने वाली टीम पर हमला कर देते हैं।
अभद्रता की शिकायत पर जांच शुरू
अभद्रता की शिकायत पर अधिशाषी अभियंता आरपी सिंह के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के मुख्य अभियंता आलोक कुमार गोयल ने मुख्य अभियंता वितरण मिर्जापुर और उपमुख्य लेखाधिकारी वितरण आंचलिक सेवा को जांच टीम का सदस्य बनाया है। जांच टीम से 15 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है।