गुलहसन की हसरत पर गरजी जेसीबी
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वर्गगज में कसारी मसारी में बनाया था मकान 02 करोड़ रुपये आंकी गई जमीन सहित कीमत 03 जेसीबी लगाकर पीडीए द्वारा ढहाया गया मकान 06 घंटे चली जेसीबी इसके बाद मकान हुआ जमींदोज 05 मुकदमे धूमनगंज में दर्ज बताए गए गुलहसन के विरुद्ध 3000 वर्गमीटर टोटल जमीन पीडीए द्वारा कराई गई खाली कब्जे की जमीन पर बगैर नक्शा के मकान बनाये जाने की वजह से की गई कार्रवाई माफिया अतीक अहमद के करीबी गुलहसन पर भी दर्ज हैं कई मुकदमेPRAYAGRAJ: इसे हिमाकत कही जाय या फिर माफिया अतीक अहमद के गुर्गे गुलहसन का ट्रेलर। बगैर नक्शा पास कराए उसके जरिए मकान बनाया गया था, वह कब्जे की जमीन पर। पीडीए द्वारा बताया गया कि जिस जमीन पर मकान बनाया था वह सरकार की है। गुलहसन द्वारा बड़ी हसरत से कसारी मसारी में बनाए गए इस मकान को पीडीए ने बुधवार को ढहा दिया। गुलहसन की आम छवि आईएस 227 गैंग के सरगना अतीक अहमद के खास के रूप में बताई गई। इस पर धूमनगंज थाने में हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में पांच मुकदमे दर्ज हैं।
कसारी मसारी में हुई कार्रवाईमाफियाओं व उनके गुर्गो के विरुद्ध की गई इस कार्रवाई की संख्या बुधवार को 52 पहुंच गई। गुलहसन माफिया अतीक गैंग में सक्रिय मेंबर के रूप में चर्चित है। बताया जाता है कि अतीक के इशारे पर वह कुछ भी करने के लिए तैयार रहता था। अतीक खेमें में इसका नाम बड़े अदब के साथ आज भी लिया जाता है। जानकार कहते हैं कि अतीक की छत्रछाया में रहकर उसने शहर में कई प्रापर्टी बनायी। जहां इसकी दाल नहीं गलती थी, उस जगह भाई यानी अतीक का नाम इसकी नाव पार लगाता था। रौब और खौफ जमाने के मामले में गुलहसन कभी पीछे नहीं रहा। अतीक या खुद के हित में वह गुनाह की हर दरिया में उतरने को तैयार था। खैर यह बात उस वक्त की है, जब अतीक व उनका भाई अशरफ जेल से बाहर थे। इन दिनों तो पूरी गैंग के सितारे गर्दिश में हैं। गैंग के सरगना ही नहीं 51 गुर्गो के मकान अब तक ढहाए जा चुके हैं। बुधवार को गुलहसन के मकान पर जेसीबी चलाकर पीडीए द्वारा 52वीं कार्रवाई की गई। सुबह लगभग 11 बजे से शुरू हुई यह कार्रवाई चार बजे तक चली। गुलहसन का मकान जिस जमीन पर था वह करीब 700 वर्ग गज बताई गई है। इसके अतिरिक्त भी कई प्लाट पर किए गए कब्जे को पीडीए द्वारा हटाया गया। इस तरह कुल तकरीबन 3000 वर्ग मीटर जमीन खाली कराए जाने का पीडीए द्वारा दावा किया गया।
गुलहसन का मकान सरकारी जमीन पर वह भी बगैर नक्शे के बनाया गया था। इसीलिए उसके मकान को ढहा कर जमीन खाली गई। बुधवार को कुल 3000 वर्ग मीटर जमीन को कब्जा मुक्त कराया गया। आलोक पांडेय, जोनल अधिकारी पीडीए