- साल के पहले क्वार्टर में आधा दर्जन सीएचसी की उदासीनता की शिकार हो गई योजना- शंकरगढ़ मेजा और करछना सहित अन्य सेंटर्स का प्रदर्शन रहा निराशाजनक

प्रयागराज ब्यूरो । गर्भवती महिलाओं के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही जननी सुरक्षा योजना खुद असुरक्षा का शिकार हो रही है। इस वित्तीय वर्ष के पहले तीन माह में इस योजना का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की बैठक में खुद डीएम ने नाराजगी जताई थी। कुल आधा दर्जन सीएचसी ने पिछले साल के पहले पहले क्वार्टर के मुकाबले खराब प्रदर्शन कर खुद को कटघरे में खड़ा कर लिया है।
किसने किया खराब प्रदर्शन
जननी सुरक्षा योजना के मामले हंडिया, जसरा, करछना, मेजा, शंकरगढ़, धनूपुर, मऊआईमा, रामनगर व मांडा ने न्यूनतम से भी कम काम किया है। इनका रिकार्ड बेहतर नही पाया गया है। शहर में कमला नेहरू मेमोरियल हॉस्पिटल ने भी उम्मीद से कम काम किया है। जबकि सरकार की मंशा है कि पचास फीसदी डिलीवरी सरकारी अस्पतालों में होनी ही चाहिए। यही कारण है कि महिलाओं को 1400 रुपए की राशि जननी सुरक्षा योजना के तहत दी जाती है। खराब प्रदर्शन पर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी केंद्रों को अपनी कार्यशैली में सुधार लाने की हिदायत दी है।
एक नजर में योजना
- जननी सुरक्षा योजना का उद्देश्य संस्थागत प्रसव का बढ़ावा देने एवं सुरक्षित प्रसव, गर्भवती एवं शिशु के जन्म उपरांत टीकाकरण व स्तनपान को समुचित बढ़ावा देना है।
- महिलाओं व शिशुओं के स्वास्थ्यवर्धक व्यवहारों के प्रोत्साहन के लिए 1400 रूपये की राशि उपलब्ध कराई जाती है।
- जिसकी जिम्मेदारी शहर में जिला महिला चिकित्सालय (डफरिन), स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) व कमला नेहरू मेमोरियल चिकित्साल व 21 सामुदायिक स्वास्थ्य को दी गई है।
- 21 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 9 केंद्रों ने पिछले वर्ष वित्तीय 2022-23 के मुकाबले इस वित्तीय वर्ष में निराशाजन प्रदर्शन किया है।
- यहां के कर्मचारियों की सुस्त कार्यशैली का फायदा प्राइवेट संस्थानों को मिल रहा है। ऐसे में गरीब गर्भवती महिलाए सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ नहीं ले पा रही हैं।
फैक्ट फाइल
पिछले और मौजूदा वित्तीय वर्ष में सीएचसी का जननी सुरक्षा योजना में प्रदर्शन
सीएचसी 2022-23 2023-24
हंडिया 699 697
जसरा 462 449

करछना 641 578
मेजा 448 439

शंकरगढ़ 425 394
धनूपुर 497 478

मऊआईमा 380 356
रामनगर 406 388

मांडा 431 408
कमला नेहरू 176 167
बॉक्स
आशाओं की मिलीभगत से भी गिरा ग्राफ
जननी सुरक्षा योजना की दुर्गति का एक बड़ा कारण आशा बहुओं की प्राइवेट नर्सिंग होम और अस्पतालों से मिलीभगत भी है। पता चला कि यह गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण तो सरकारी अस्पतालो ंमें करवाती है लेकिन डिलीवरी प्राइवेट संस्थानों में कराइ्र जाती है। इससे उनको योजना का लाभ नही मिल पाता और योजना भी मुंह के बल गिर रही है। इसकी जानकारी होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी सीएचसी और पीएचसी से पिछले 15 दिनों रिकार्ड तलब किया गया है कि आशाओं कितनी महिलाआ ंको वहां पंजीकृत कराया और कितने की प्रसव कराया गया है। योजना का ग्राफ गिरने का कारण तलाशा जा रहा है। यह भी पता चला कि आशाएं सरकारी अस्पताल में पंजीकरण करा रही हैं जबकि प्राइवेट में डिलीवरी कराई जा रही है। रिपोर्ट मांगी गई है। महिलाओं में योजना का लाभ मिलने का प्रचार प्रसार किया जा रहा है।
डॉ। आशु पांडेय, सीएमओ प्रयागराज

Posted By: Inextlive