कोरोना काल में सभी ने आयुर्वेद को अपनाया. हमारा कर्तव्य है कि उत्तम स्वास्थ्य के लिये आयुर्वेद को अपने जीवन से जोड़ें. यह बात प्रो. जीएस तोमर ने कही. उन्होंने कहा कि सुखी निरोगी काया यानी सबसे बड़ा ध्यान उत्तम स्वास्थ्य है. वह विश्व आयुर्वेद मिशन और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ की ओर से भगवान धन्वंतरि जयंती समारोह में बोल रहे थे. कार्यक्रम को राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाया गया. विश्व आयुर्वेद मिशन के अध्यक्ष तोमर ने अध्यक्षता की. इस अवसर पर भगवान धन्वंतरि की पूजा अर्चना हुई. उच्च शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. जीसी त्रिपाठी मुख्य अतिथि रहे. इस अवसर पर 'हर दिन हर घर आयुर्वेदÓ विषय पर संगोष्ठी की गई. मुख्य अतिथि ने कहा कि भारतीय मनीषियों ने वसुधैव कुटुंबकम की भावना से कार्य किया. हमें आयुर्वेद को हर घर तक पहुंचाने की आवश्यकता है.
By: Inextlive
Updated Date: Sun, 23 Oct 2022 12:46 AM (IST)
प्रयागराज (ब्यूरो)। डा। प्रेम शंकर पांडेय ने कहा कि जीवन के तीन उपस्तम्भ आहार, निद्रा एवं ब्रह्मचर्य को नियंत्रित कर मनुष्य स्वस्थ रह सकता है। आयुर्वेद के प्रचार प्रसार में उत्कृष्ट कार्यों के लिए वैद्य बेनीराम बंसल, डा प्रेम शंकर पांडेय, वैद्य अमरनाथ त्रिपाठी, डा विवेक ङ्क्षसह, डा बी एम त्रिपाठी, डा अवनीश पांडेय, डा धर्मेंद्र कुमार, वैद्य दयानाथ द्विवेदी, डा आशुतोष मालवीय, डा संजीव सक्सेना, डा संजय त्रिपाठी को 'आयुर्वेद गौरवÓ सम्मान दिया गया। कार्यक्रम में डा। शांति चौधरी, डा राजकिशोर अग्रवाल, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी कौशांबी डा अनीता ङ्क्षसह, आरोग्य भारती प्रयागराज के अध्यक्ष डा प्रकाश खेतान उपस्थित रहे।
Posted By: Inextlive