ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करना है जरूरी
प्रयागराज (ब्यूरो)वल्र्ड हाइपरटेंशन डे के मौके पर बुधवार को जनपद के सभी स्वास्थ्य इकाइयों (सीएचसी, पीएचसी, अर्बन पीएचसी एवम् हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) पर शिविर का आयोजन किया गया। काल्विन अस्पताल में वृहद शिविर का आयोजन कर लोगों को जागरुक किया गया। जिला एनसीडी नोडल डॉ। राजेश सिंह ने बताया गया कि गैर संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए जनपद स्तरीय एनसीडी सेल में एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम के अंतर्गत इंडियन हाइपरटेंशन कंट्रोल इनिशिएटिव कार्यक्रम को चलाया जा रहा है। जिसका उद्देश्य हाई बीपी से हार्ट, मस्तिष्क, किडनी और रक्त धमनियों को होने वाले नुकसान से बचाना है।
नियमित जांच कराना जरूरी
उन्होंने कहा कि जिनकी आयु 30 वर्ष या उससे अधिक ऐसे सभी लोगों का स्वास्थ्य केन्द्र पर बीपी की जांच किया जाना जरूरी है। साथ ही जिन मरीजों का बीपी 140/90 या इससे ऊपर आने पर मरीज को रजिस्ट्रेशन कर उसको निशुल्क दवाएं दी जानी चाहिए। उच्च रक्तचाप को बढऩे से रोकने के लिए भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, डब्ल्यूएचओ व आईसीएमआर ने मिलकर इंडियन हाइपरटेंशन कंट्रोल इनिशिएटिव कार्यक्रम चलाया है। जिसमें उत्तर प्रदेश के चार जिले शामिल किए गए हैं जहां बीपी के मरीजों की संख्या अधिक है। जिसमे प्रयागराज, वाराणसी, झांसी और ललितपुर शामिल हैं।
प्रोग्राम के तहत निर्धारित लक्ष्य
2025 तक हाईबीपी के प्रसार में 25 फीसदी तक कमी लाना है।
हार्ट अटैक से मौतों में 25 फीसदी की कमी लाना
नमक के औसत जनसंख्या सेवन में 30 फीसदी की कमी
एनसीडी पोर्टल पर 16 नवम्बर 2021 से अप्रैल 2023 तक लगभग 12000 के करीब हाईबीपी रोगियों को रजिस्टर्ड किया गया है।
5200 के करीब मधुमेह के रोगियों को भी पंजीकृत किया जा चुका है
शिविर में 100 मरीजों की हाईबीपी जांच की गई, जिसमें 15 नए रोगियों को एनसीडी पोर्टल पर पंजीकृत किया गया। साथ ही 10 रोगियों का फलोअप किया गया। लगभग 22 रोगियों को एक सप्ताह में एनसीडी क्लीनिक में दुबारा बुलाया गया है ताकि उनके उच्च रक्तचाप की जांच दोबारा कर उन्हें चिन्हित किया जा सके। इस मौके पर एनसीडी क्लीनिक के डॉ। ओम सिंह, स्टॉफ नर्स पुनीता, जिया नूरी, प्रिया, स्वेता, पिंकी यादव एवम् आईसीएमआर से राजेश कुमार तकनीकी सहायक उपस्थित रहे।
पोस्टर प्रजेंटेशन के जरिए किया जागरुक.
आरके स्कूल आफ नर्सिंग, मवैया नैनी द्वारा 'विश्व रक्तचाप दिवस' पर बुधवार को जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे जीएनएम व एएनएम के छात्राओं द्वारा पोस्टर द्वारा लोगों को जागरुक किया गया। प्राचार्या केएच विक्टोरिया देवी ने छात्राओं को बताया कि यह खुद गंभीर बीमारी नही है लेकिन इसकी वजह से हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन हेमरेज, किडनी फेल होना जैसी गंभीर और जानलेवा समस्याओं का खतरा होता है। व्यक्ति को लगातार अपना रक्तचाप चेक कराते रहना चाहिये और समय रहते यदि इस पर नियंत्रण पा लिया गया तो बहुत सारी गंभीर समस्याओं से निजात मिल सकती है। उन्होने कहा कि रोगी रोजाना थोड़ी बहुत एक्सरसाइज करे, तनाव से दूर रहे, तंबाकू का सेवन न करे, शराब न पिये, जंक फूड से बचें, ठंडा पेय न पिये, नमक का सेवन कम करे तो बचाव हो सकता है।