Pryagraj news:आईटी इंजीनियर डिजिटल अरेस्ट, 98 लाख ठगे
प्रयागराज ब्यूरो । एक आईटी इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट करने का सनसनी खेज मामला सामने आया है। आईटी इंजीनियर को एसबीआई कस्टमर केयर अफसर, मुंबई पुलिस अफसर और सीबीआई का अफसर बनकर डराया धमकाया गया। चार दिन तक वीडियो कॉलिंग पर रखा गया। इस दौरान आईटी इंजीनियर ने 98 लाख रुपये ट्रांसफर किए। तब ठगों ने इंजीनियर का पीछा छोड़ा। 98 लाख गंवाने के बाद इंजीनियर को होश आया। इसके बाद इंजीनियर ने साइबर थाने में शिकायत की। साइबर थाने की पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। साथ ही साइबर ठगों के सारे एकाउंट फ्रीज करा दिए गए हैं। हालांकि फ्रीज कराए गए एकाउंट में कितनी रकम है, इसकी डिटेल आनी बाकी है।
21 जुलाई से शुरू हुई घटना
आईटी इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट करने की घटना 21 जुलाई को हुई। हुआ ये कि इंजीनियर अपना काम निपटा रहे थे। तभी उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को एसबीआई का कस्टमर केयर अधिकारी बताया। उसने कहा कि आपके नाम से एक क्रेडिट कार्ड बना हुआ है। जिससे एक लाख रुपये का लेनदेन हो चुका है। इस पर इंजीनियर ने कहा कि एसबीआई में उनका कोई क्रेडिट कार्ड नहीं है। तब कॉलर ने इस मामले की शिकायत मुंबई पुलिस से करने के लिए कहा। कुछ ही सेकेण्ड में फर्जी कस्टमर केयर अधिकारी ने मुंबई पुलिस के एक अफसर के साथ इंजीनियर की कॉल कनेक्ट कर दी। अब इंजीनियर की लाइन पर मुंबई पुलिस का फर्जी अधिकारी आ गया। फर्जी अधिकारी ने कहा कि आपको अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए वीडियो कॉल पर आकर अपना बयान देना होगा। इंजीनियर फर्जी पुलिस अफसर के साथ वीडियो कॉल से कनेक्ट हो गए। इसके बाद फर्जी पुलिस अफसर ने इंजीनियर को धमकाते हुए कहा कि तुम्हारी आईडी के साथ और भी गलत काम किए गए हैं। उसके खिलाफ मनी लांड्रिंग का भी केस दर्ज है। उसके खिलाफ वारंट जारी हो चुका है। यह सुनकर इंजीनियर के होश उड़ गए। वीडियो कॉल पर इंजीनियर को डरा सहमा देखकर फर्जी पुलिस अफसर ने कहा कि हो सकता है कि किसी ने आपकी आईडी का गलत इस्तेमाल किया हो। आप इस मामले को देख रहे वरिष्ठ अधिकारी से अपना पक्ष रख दीजिए। ताकि आपका केस जल्द सॉल्व किया जा सके। इसके बाद फर्जी पुलिस अफसर ने इंजीनियर की वीडियो कॉल को खुद को सीबीआई का अफसर बताने वाले के साथ कनेक्ट कर दिया। फर्जी सीबीआई अफसर ने इंजीनियर को झांसे में ले लिया। उसने कहा कि वह किसी को भी इस केस के बारे में न बताएं। क्योंकि ये केस बहुत संगीन है। जिसमें बैंक और अन्य कर्मचारी भी संलिप्त हैं।
इतनी बातें होने के बाद साइबर ठगों ने अपना खेल शुरू किया। फर्जी सीबीआई अफसर ने कहा कि अब आपको वीडियो सर्विलांस पर रहना होगा। वरना आपको गिरफ्तार किया जा सकता है। अफसर ने सलाह दिया कि वह कमरे से बाहर न निकलें। इसके बाद इंजीनियर ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। इंजीनियर को रात भर साइबर ठगों ने वीडियो कॉल पर रखा। रात में साइबर ठग बीच बीच में इंजीनियर से बात करते रहे। साथ ही कहते रहे कि वह किसी से न मिले, न बात करे। इंजीनियर रात भर साइबर ठगों की बात मानता रहा।
22 से शुरु हुआ ठगी का खेल
22 जुलाई की सुबह नौ वही फर्जी सीबीआई अफसर वीडियो कॉल पर आ गया। उसने इंजीनियर से अपने ए्रकाउंट की ऑडिट कराने के लिए कहा। इसके बाद उसने इंजीनियर को
इंडसिंड बैंक के एक एकाउंट में 68 लाख रुपये भेजने की बात कही। इस पर इंजीनियर ने बताए गए एकाउंट में 68 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। तीसरे दिन 23 जुलाई को वीडियो कॉल पर रखते हुए फर्जी सीबीआई अफसर ने बताया कि उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का एक आर्डर है। जिसमें उसकी गिरफ्तारी हो सकती है। इसके बाद इंजीनियर को एसबीआई का एक एकाउंट दिया गया। जिसमें इंजीनियर से 13 लाख पचास हजार रुपये ट्रांसफर कराया गया। 24 जुलाई को इंजीनियर को वीडियो कॉल पर रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के एक दूसरे आर्डर के नाम पर एसबीआई के एकाउंट में 16 लाख पचास हजार रुपये ट्रांसफर कराया गया। इसके बाद वीडियो कॉल डिस्कनेक्ट कर दी गई। शाम को इंजीनियर को ठगी का एहसास हुआ। इस पर इंजीनियर ने अपने परिचितों से बात की। जिस पर परिचितों ने पुलिस से शिकायत करने की सलाह दी। इंजीनियर ने पच्चीस जुलाई को साइबर पुलिस से शिकायत की। इसके बाद केस दर्ज कर लिया गया।
साइबर थाने की पुलिस ने केस दर्ज करने के साथ ही एकाउंट को फ्रीज कराने की व्यवस्था शुरू कर दी। साइबर ठगों के तीनों एकाउंट फ्रीज कराए जा चुके हैं। हालांकि उन एकाउंट में रकम कितनी है, इस बारे में डिटेल आनी अभी बाकी है।
कोटएक आईटी इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट किया गया था। तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिय गया है। जिन नंबरों से फोन आया था, उन्हें ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है।
राजीव तिवारी, इंस्पेक्टर साइबर थाना