जान लेवा डिवाइडर पर लगे स्ट्रीट लाइट के पोल बिल्कुल न करें टच बाहर मकड़ी के जाले की तरह फैले हैं पोल के अंदर बने बाक्स में लगे बिजली के तार हैं खतरनाकबैरहना के पास बस परिचालक की मौत से सबक लेते हुए हर किसी को सतर्क रहने की है जरूरत

प्रयागराज ब्यूरो । सड़क के बीचो-बीच डिवाइडर पर लगाए गए स्ट्रीट लाइट के पोल में 'यमÓ दोष है। जान की हिफाजत चाहते हैं तो इसे छूने की हिमाकत नहीं करें। क्योंकि इसे छूने वाले किसी भी शख्स की मौत हो सकती है। खासकर मौसम जब बारिश का हो तो और भी सतर्क रहने की जरूरत है। जगह-जगह लगाए गए पोल में बने खुले बॉक्स से बिजली के तार बाहर की तरफ लटक रहे हैं। कुछ जगह खुले हुए यह तार पोल से टच हैं। इसलिए किस पोल में करंट उतरा है यह पता कर पाना मुश्किल है। ऐसे हालात में बीच से पोल पकड़ कर डिवाइडर पार करने की कोशिश जान लेवा हो सकती है। हम आगाह इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि शहर के बैरहना में बस के परिचालक की यह पोल शुक्रवार को जान ले चुका है। हालांकि विभागीय अनदेखी व लापरवाही से होने वाली यह कोई पहली घटना नहीं है। डिवाइडर के पोल में उतर रहे करंट की चपेट में आने से पहले भी कई लोगों की जान जा चुकी है।

एक चूक बन सकती है मौत का कारण
शहर को सजाने व संवारने के प्लान को अमल में लाने के लिए शासन ने शहर को स्मार्ट सिटी का तमगा लगा दिया। यह तमगा मिलने के बाद यहां स्मार्ट सिटी का कार्यालय खोला गया। स्मार्ट सिटी के इंजीनियर यहां के लोकल ढांचे व जरूरत के बजाय विदेशी तर्ज पर सिटी के विकास का खाका तैयार कर डाले.सड़कों के चौड़ीकरण बाद बीच में डिवाइडर बनाए गए। डिवाइडर के प्लान में मार्ग प्रकाश यानी स्ट्रीट लाइट लगाने का भी काम शामिल किया गया। काम शुरू हुआ और रोड के बीचो-बीच डिवाइडर बनाए गए। इस डिवाइडर के बीच करोड़ों रुपयों की लागत से मार्ग प्रकाश के लिए स्ट्रीट लाइटें लगाई गईं। इस स्ट्रीट लाइट के पोल को डिवाइडर के बीचों गाड़कर उसमें हाइटेक बल्व लगा दिए गए। डिवाइडर के बीचो-बीच लगाए गए पोल में जमीन से करीब दो ढाई फिट ऊपर पोल में ही एक बॉक्स बनाया गया। जिसके अंदर पोल के ऊपर लगाए गए बल्व के बिजली से कनेक्ट कर दिया गया।

नहीं सुधर रही मेंटिनेंस की अनदेखी
सड़कों पर मार्ग प्रकाश के लिए लगाए गए इस पोल के मेंटिनेंस पर ध्यान नहीं दिए जाने से बॉक्स के ऊपर लगाए गए छोटे-छोटे कैप नुमा दरवाजे टूट गए हैं। उसके अंदर मकड़ी के जाल की तरह मौजूद तार बाहर आ गए हैं। खुले यह तार कई जगह कटे हुए हैं। कटे हुए स्थान से तार कई पोल से टच हैं। इससे उस पोल में करंट उतर रहा है। जानकारी के अभाव में अक्सर लोग पोल को पकड़कर लांघते हुए डिवाइडर पार करने की कोशिश करते रहते हैं। उनकी यह कोशिश कुछ लोगों के लिए जान लेवा साबित हो जाती है। जैसा कि शुक्रवार को कीडगंज थाना क्षेत्र के बैरहना गोरा कब्रिस्तान के पास हुआ। यहां मध्य प्रदेश के मनगवां थाना क्षेत्र के नीबी गांव निवासी बस परिचालक पुष्पेंद्र उर्पु दादू की डिवाइडर के पोल में उतरे करंट की चपेट में आने से मौत हो गई थी। वह बस की धुलाई के लिए बाल्टी में पानी लेकर पोल के सहारे डिवाइडर पार करने की कोशिश कर रहा था। इस बीच पोल में उतर रहे करंट की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई थी।


सिर्फ स्ट्रीट लाइट के ही नहीं बिजली विभाग द्वारा लगाए गए लोहे के पोल भी बेहद खतरनाक हैं। उसमें भी कहीं न कहीं करंट उतरते ही रहते हैं। जिला प्रशासन को इस तरफ गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। कीडगंज की घटना से जिम्मेदारों को सबक लेनी चाहिए।
मानवेंद्र सिंह, कीडगंज समाजसेवी

पोल बिजली के हों या स्ट्रीट लाइट के मेंटिनेंस पर ध्यान नहीं दिए जाने से उसमें करंट उतरते हैं। अधिकारी पोल लगाकर तार
खींचने के बाद पलट कर देखना उचित नहीं समझते। इस पोल में उतरने वाले करंट की चपेट में आने से हो रही लोगों की मौत चिंता का विषय है।
उज्ज्वल टण्डन, चौक व्यापारी

जब रोड किनारे और डिवाइडर के बीच बिजली के पोल लगाए गए हैं तो उस पर ध्यान भी देना चाहिए। स्कूलों के पास ऐसे जहां भी ऐसे पोल लगाए गए हैं वहां सुरक्षा के प्रबंध करने चाहिए। ताकि बच्चे इस पोल को नहीं छू पाएं। यह पोल यम दूत से कम नहीं है।
सत्यम त्रिपाठी, आर्कीटेक्ट

बैरहना गोरा कब्रिस्तान के पास पोल छूने से लगे करंट की वजह से बस परिचालक की मौत साधारण घटना नहीं है। पोल में उतरने करंट से होने वाली मौत के प्रति जवाबदेही और जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। तब तक ऐसा नहीं होगा, पोल में उतरने वाले करंट की स्थिति बंद नहीं होगी।
अनूप वर्मा, जिलाध्यक्ष महानगर उद्योग व्यापार मंडल

Posted By: Inextlive