कोई सेक रहा रोटी या अली बिछा रहा गोटी?
प्रयागराज ब्यूरो । यह किसी शातिर की सियासी चाल है या फिर अराजकतत्व की शरारत? कह पाना मुश्किल है। मगर, सच यही है कि जेल में बंद अली अहमद के नाम से सोशल मीडिया पर एक अपील पत्र वायरल हो रहा है। इसमें अली की तरफ से मन की पीड़ा व्यक्त की गई है। मुस्लिम भाईयों से एक जुट होने की अपील करते हुए कहा गया है कि वह भाजपा और सपा को वोटिंग नहीं दें। लिखा तो नहीं पर माना जा रहा है कि निकाय चुनाव में ही इन दोनों पाटियों को वोट देने से मना किया गया है। पर्चे पर लिखे शब्दों को भरपूर इमोशन की चासनी में डुबोया गया है। इस पर्चे को लेकर सियासी थिंक टैंक व पंडित एवं लोग तरह-तरह के मायने निकाल रहे हैं। दिन भर यह पर्चा का चर्चा का विषय बना रहा। इस पर्चे की सच्चाई को परखने में अफसरों के द्वारा पुलिस के साथ एलआइयू टीम लगा दी गई है। कुछ लोगों की चर्चाओं पर गौर करें तो यह पर्चा शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद वितरित किया गया है। हालांकि बाद जुमे की नमाज पर्चा बांटा गया या नहीं? इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
पर्चे पर की गई अपील का राज क्या
वायरल हुए इस पर्चे के बारे में हम आप को बारीकी से बताते हैं। यह एक पम्प्लेट की तरह है। पर्चे के मत्थे पर यानी ऊपर सबसे पहले मरहूम अतीक अहमद उसके बाद अशरफ फिर नैनी जेल में बंद मो। अली अहमद की तस्वीर छपी है। अली पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में बंद है। इस पर्चे पर अली की तरफ से दर्शाया यानी लिखा गया है कि 'अस्सलामु अलैकुम, मैं अली अहमद मरहूम अतीक अहमद के लड़के आप लोगों से गुजारिश करता हूं कि मेरे बुजुर्गों, मेरे भाई, मेरी मां व बहन आप लोग हालात देख रहे हैं कि कैसे मेरे वालिद और मेरे चाचा अशरफ और मेरे भाई असद का एनकाउंटर कर दिया गया। अब हमको भी मारने की कोशिश की जा रही है। आप भाईयों से विनती कर रहा हूं, जितना हाथ भाजपा योगी आदित्यनाथ का उतना ही समाजवादी पार्टी अखिलेश यादव का है। मैं आप लोगों से गुजारिश करता हूं कि आप मुसलमान भाई एक हो जाएं। आप लोग भाजपा और समाजवादी पार्टी को वोट न दें। आप लोगों के दिल में मेरे अब्बा के लिए थोड़ी भी जगह है तो उनकी बात का ध्यान रखिए और मेरी वालिदा का एनकाउंटर करने के लिए पुलिस लगी हुई है। इतना इशारा आप लोगों के लिए काफी है। अब हम मुसलमान किसी के बहकावे में नहीं आयेंगे, बस आप से इतनी गुजारिश है कि आप लोग मेरी इन बातों पर गौर फरमायें। आपका बेटा, आप का भाई अली अहमद मरहूम अतीक अहमद का बेटा आप लोगों से अपेक्षा करता हूं कि आप लोग मेरा साथ दीजिएखुदा हाफिज.Ó
सोशल मीडिया पर वायरल इस पर्चे को देखते ही लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। कोई इसी किसी शातिर सियासी शख्स की चाल तो कोई अराजकतत्व की शरारत करार दे रहा है। चंद लोगों कह रहे हैं कि अली नैनी जेल में हैं। जेल जाकर उससे मिलने में भी लोग खौफ खा रहे हैं, फिर यह पर्चा वह खुद छपवा कर कैसे बांट सकता है। हर शख्स की नजरों में इस पर्चे में संदिग्धता व निकाय चुनाव से जुड़ी सियासी चाल नजर आ रही है। अब पर्चे के पीछे की हकीकत क्या है यह बात पुलिस की जांच रिपोर्ट के बाद ही सामने आएगी। वायरल हुए इस पर्चे को लेकर अधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।